अच्छा सोचिये, अच्छा बोलिए और अच्छा कीजिये ,
क्योंकि सब कुछ आपके पास वापस लौट कर आता है…

आज जब मैं ब्लॉग लिखने बैठा ही था कि मेरे “बिग ब्रदर” का फ़ोन आ गया | कुछ पारिवारिक बातें होने लगी | इसी दौरान मैंने कहा …कुछ फैसले मैं दिल से लेता हूँ और कुछ फैसले दिमाग से |
इतना सुनना था कि उन्होंने अचानक हमसे प्रश्न कर दिया …. दिल और दिमाग में क्या फर्क है ?
अचानक इस तरह के प्रश्न पूछे जाने पर मुझे तुरंत कोई ज़बाब नहीं सुझा | मैं कुछ देर रुक कर , फिर कहा ….दिल का सम्बन्ध भावना से होता है जबकि दिमाग का तर्क से और हकीकत से | बस इतना बोलकर बात मैंने यही समाप्त कर दी |
लेकिन मेरे मन में विचार उठने लगा कि इस विषय पर गहरे से विचार की जानी चाहिए |
सीता हमें बहुत अच्छी लगती है | ,अतः मैं उसके पास रहना चाहता हूँ क्योंकि मेरा दिल यह चाहता है |
लेकिन दूसरी…
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True life is. Boomerang 😊😊
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Yes, very true.
Thanks you very much..
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बिल्कुल सच कहा है आपने 👏
सुंदर संदेश देती हुई रचना 👌🏼👌🏼😊
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बहुत बहुत धन्यवाद..
यह सच है कि दिल और दिमाग में सदा ही
एक जंग छिड़ी रहती है |
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वाह!! बहुत सुंदर तरीके से दिल और दिमाग के बीच होनेवाली अंतर को विश्लेषण किए हैं। 👌👌👍
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यह सही है कि दिल और दिमाग में सदा एक द्वंद चलता रहता है ..
इसलिए इस पर चर्चा करना चाहता था …
आपके हौसलाअफजाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद,,
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