रिक्शावाला की अजीब कहानी …14

इच्छा पूरी नहीं होतो तो क्रोध बढ़ता है ,
और इच्छा पूरी होती है तो लोभ बढ़ता है /
इसलिए जीवन की हर स्थिति में धैर्य बनाए रखना ही श्रेष्ठता है …

vermavkv's avatarRetiredकलम

एक गठरी शीश पर है,

देह दुर्बल पाँव भारी,

काँख मुन्ना को दबाए,

एक उँगली थाम मुन्नी,

साथ चलती जा रही है

दो दिनों का रास्ता कैसे कट गया पता ही नहीं चला | एक तो मिस्त्री भाई रिक्शा खीचने में मदद कर रहे थे और दूसरी तरफ मेरी बहना खाना पीना का इंतज़ाम कर रखी थी और मजे में सफ़र कट रहा था |

अब तो उनलोगों को उसके गाँव छोड़ आया और तब से बिलकुल अकेला हो गया हूँ | इन्ही सब बातों को सोचता गाँव की पगडण्डी को पार कर वापस हाईवे पर आ चूका था | रात बहुत हो चुकी थी और भूख भी लग रही थी |

तभी ध्यान आया कि सत्तू और गुड तो बहना ने दिया ही है, उसी को खा कर भूख मिटाई जा सकती है और रात सड़क के किनारे कोई सुरक्षित जगह देख कर विश्राम कर लेते है |

ऐसा…

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2 replies

  1. Very nice

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