इच्छा पूरी नहीं होती तो क्रोध बढ़ता है , और इच्छा पूरी होती है तो लोभ,
इसलिए जीवन की हर स्थिति में धैर्य बनाए रखना ही श्रेश्ठता है …

आज सुबह सुबह रघु काका ने आवाज़ लगाई….क्या राजू, अभी तक सो रहे हो | पता है, दिन चढ़ आये है | मैंने आँखे खोली और कहा … पता है काका, लेकिन ज़ल्दी उठ कर भी क्या करना है |
लॉक डाउन के कारण कोई काम – धंधा तो है नहीं | घर में बैठ कर सिर्फ रोटियां ही तोड़नी है | वह भी पता नहीं और कितने दिन घर का राशन पानी चल पायेगा | यही हाल रहा तो उपवास करने के दिन आ जायेंगे |
तुम ठीक कहते हो राजू…..अंजिला, जब से गई है, हमलोग के बुरे दिन शुरू हो गए है | वो हमलोगों के लिए तो साक्षात् लक्ष्मी थी | पता नहीं वह बेचारी वहाँ कैसी होगी |
अंजिला का ज़िक्र होते ही मेरे दिमाग में जैसे हलचल शुरू हो गई | मैं बिस्तर पर लेटा अपनी आँखे बंद किये अतीत में खो गया …सच, .हम…
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