वक़्त, दोस्त ,और रिश्ते ऐसी चीज़ है जो मिलती तो मुफ्त में है..
मगर इसकी कीमत का पता तब चलता है , जब ये कहीं खो जाते है |

आज अंजिला बहुत खुश थी, और खुश क्यों ना हो भला | आज उसके शोध के कुछ पेपर पब्लिश हुए थे और उसे काफी सराहना मिल रही थी | सचमुच उसने अपनी शोध पर बहुत मेहनत की थी और उसकी मेहनत रंग लाई |
उसके सारे दोस्त उसे फ़ोन कर रहे थे और बधाई दे रहे थे | अंजिला भी हँस हँस कर सब के बधाई को स्वीकार कर रही थी |
कुछ करीबी दोस्तों ने तो इस ख़ुशी के मौके पर पार्टी देने की मांग कर रहे थे | पहले तो अंजिला ना -नुकुर करती रही, लेकिन फिर दोस्तों की जिद के आगे उसे पार्टी के लिए सहमत होना ही पड़ा |
तय यह हुआ कि बनारस के एक होटल “साकेत” के छोटे से हॉल में पार्टी रखी जाएगी जिसमे अंजिला और उसके कुछ करीबी दोस्त शामिल होंगे |
लेकिन अंजिला ने अपने दोस्तों के सामने एक शर्त…
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रिक्शेवाले की अजीब कहानी आगे पढ़ने के लिए कहां क्लिक करें समझ नहीं आ रहा है। मुझे प्लीज़ बताएं।
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आप मुख्य पृष्ठ पर जाएँ, वहाँ नीचे की तरफ लिखा है …
इससे आगे की घटना जानने के लिए नीचे दिए link को click करें…
https:||wp.me|pbyD2R-19X
BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,
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