# ज़िन्दगी की किताब #

मेरी पहचान क्या है ?

मैं बिहारी हूँ , मेरा जनम बिहार में हुआ है या मैं एक पति हूँ, एक बाप हूँ, एक हिन्दू हूँ या फिर रिटायर्ड बैंकर हूँ ‘’’

नहीं, मेरी यह पहचान नहीं है शायद | मैं अपनी पहचान बनाना चाहता हूँ |

मेरी अपनी पहचान होगी… मेरी सोच से , मेरे ख्वाबों और मेरे ख्यालों से |

मेरी कोशिश जारी हैं …मैं रोज़ अपने आप से बातें करता हूँ.. क्योंकि मुझे लगता है कि  मैं खुद के बारे में ज्यादा वाकिफ नहीं हूँ ,,,

इसलिए कुछ लिखने के बहाने अपनी पहचान खोज रहा हूँ |

ज़िन्दगी की किताब

आज मैं अपने ज़िन्दगी की किताब खोले बैठा हूँ

बीते हुए खट्टे मीठे लम्हों का हिसाब लिए बैठा हूँ

समय के चक्रचाल  को भला कौन समझ पाया है

बीते लम्हों का दिन महीने साल लिए बैठा हूँ,


पलट कर गौर से देखता हूँ उन भरे हुए पन्नो को..

जो बीते दिनों की खट्टे मीठे अनुभव कराती है

जब भी याद करता हूँ अपने बीते हुए लम्हे को

  वह चलचित्र जैसे ज़िन्दगी की कहानी दिखाती है


कुछ  पन्नो में  ढेर सारी   खुशिओं का जिक्र है

तो कुछ  यादें  आँखों को  नम   कर जाती है 

कुछ पन्नों में दर्ज है  सफलता के  स्वर्णिम पल 

तो कुछ असफलताओ के अनुभव भी कराती है 

ज़िन्दगी के कुछ पल कभी कभी ठहरे से दीखते है 

तो  कुछ  पल  मौत का एहसास भी कराती  है     

कुछ पन्नो  में दर्ज है  गैरों के अपनापन का किस्सा

तो कुछ में अपनों को ही खुद से दूर दिखाती है

 हालात ज़िन्दगी के  कुछ इस तरह हो गए है कि अब

हर पल हर क्षण अपने प्रभु की याद  सताती है ..

हाँ, आज मैं अपने ज़िन्दगी की किताब खोले बैठा हूँ

बीते हुए खट्टे मीठे लम्हों का  हिसाब लिए बैठा हूँ |

( विजय वर्मा )

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Categories: kavita

37 replies

  1. Wonderful lines. Deep within speechless

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  2. मैं खुद से भी रोज बात करता हूं और भगवान से भी।

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  3. Thank you for sharing such reflections. You made me think of those moments early in the morning when I oftern think about my purpose. I look back at what I have done (became a CEO), where I am now (I have my own consulting business) and whether my purpose will change again (as I phase myself towards retirement, which is a long way off yet).

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  4. अति सुंदर कविता👌👌

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  5. आपकी टिपंणी बहूत सोचसमझके अच्छी राहती है बहोत अच्छा सोचके लिखते है आप बहोत खूब हो ग्रेट सर

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    • बहुत बहुत धन्यवाद डिअर,
      हमें अपने ज़िन्दगी के अनुभव शेयर करना चाहिए |

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    • सर्व मित्रपरिवार माझ्या बाबींचा विचार वाचन करून प्रतिसाद देतात हे माझे भाग्य आहे लिहण्याची दखल आपण सर्व उस्फूर्त पणे साथ देतात या पेक्षा जिवणात काहीही कमी भासणार नाही मायमाऊली आपल्या आशीर्वादानेच अनेक ध्येय निश्चित मनात रूजू होती आपण मुळे धन्य झालो मायबाप जनता जनार्दन

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      • तुम्ही अगदी बरोबर आहात, ..
        सर्व मित्र आणि कुटुंबीय माझे विचार वाचतात
        आणि प्रतिसाद देतात, यासाठी त्यांचे आभार.

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  6. बहुत ही सुन्दर

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  7. आपकी पहचान सब जानते हैं पहचान खुद बन गई आपकी

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  8. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    यादों के पन्नो से भरी है ज़िन्दगी ,
    सुख और दुःख की पहेली है ज़िन्दगी …
    कभी अकेले बैठ कर विचार कर के तो देखो
    संबंधों के बगैर , अधूरी है ज़िन्दगी …

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