सीखना है तो गुलाब के फूल से सीखो ,
खुद टूट का दो इंसान को एक रिश्ते में जोड़ देता है |

मुझे मालूम था कि लौट के अकेले ही आना है
फिर भी तेरे साथ चार कदम चलना अच्छा लगा
अनामिका को राजीव कल करीब दो सालों के बाद अचानक जमशेदपुर के उस मॉल में मिला था | उसे देख कर एक सुखद अनुभूति हुई थी लेकिन तुरंत ही उसका मन दुःख के सागर में डूब गया था, जब राजीव के साथ एक औरत दिखी थी |
उन दोनों को देख कर उसे पूरा यकीन हो गया था कि वह औरत उसकी पत्नी ही थी |
लोग कहते है ना कि जो आँखों से दिखाई पड़ता है वह हमेशा सच नहीं होता, पता नहीं क्यों अनामिका को अब भी ऐसा लगता था कि राजीव के साथ वह औरत शायद उसकी कोई रिश्तेदार या उसके दोस्त की बीवी होगी |
वह भगवान् से दुआ करने लगी कि यही सच हो वर्ना उसके अरमान और सपने सब कुछ टूट कर बिखर जायेंगे |
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