श्रेष्ठ वही है जिसमे …
दृढ़ता हो पर जिद्द नहीं ,
वाणी हो पर कटु नहीं
दया हो पर कमजोरी नहीं ,
ज्ञान हो पर अहंकार नहीं ..||

पिता जी से अपनी आगे की पढाई जारी रखने की सहमती मिलते ही अनामिका के चेहरे पर मुस्कान तो आई लेकिन उस मुस्कान के पीछे बहुत बड़ा राज़ छिपा था जिसे सिर्फ अनामिका का दिल ही जानता था |
वह पिता जी से आशीर्वाद प्राप्त कर अपने कमरे में आ गई और अपने कपडे और किताबें समेटने लगी | अब तो उसे पटना के किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेना ही था |
यह सत्य है कि राजीव के द्वारा जो मेरे दिल पर जख्म दिया गया है वह बराबर टीसता रहता है | शायद यह ज़ख्म तभी भरेगा जब ज़िन्दगी में मैं बड़ा मुकाम हासिल ना कर लूँ…अनामिका मन ही मन सोच रही थी |
मुझे राजीव से भी पढाई में आगे निकलना होगा तभी राजीव के सामने सिर उठा कर कह सकुंगी कि देखो …जिसे तुम जाहिल – अनपढ़ समझ कर ठुकरा दिया था वह तुमसे भी आगे…
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बिलकुल सही और सुंदर लिखा अंकल आपने💕🤗
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बहुत बहुत धन्यवाद ,
आप पूरी कहानी पढ़ें , मुझे ख़ुशी होगी |
आप स्वस्थ रहें…खुश रहें..
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वही मैं ढूंढ रहा हूँ इसके सारे पोस्ट 😅
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हर पोस्ट के बीचे भाग में आगे का link दिया हुआ है ,
आप link को click करते हुए अंत तक पहुच सकते है |
आप इसे ज़रूर पढ़े , आपको ज़रूर पसंद आएगा ..
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जी अंकल मैनें इसे देखा
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आपने अपना कीमती वक़्त दिया , इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद ..
दूसरी भी कहानियाँ है ,जो नारी शक्ति पर आधारित है | आप उसे भी पढेंगे
तो मुझे ख़ुशी मिलेगी / आप उसमें प्राप्त गलतियों को भी बताएं , ताकि उनमे
और सुधर कर सकूँ |
आप स्वस्थ रहें ..खुश रहे और लिखती रहें ..||
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जी अंकल, वक्त लगेगा पर पढ़ूंगा जरूर मैं। कुछ पोस्ट तो बुकमार्क🔖 भी कर लिया है😊
रही बात गलतीयों कि तो वो मुझे पता नहीं चलती है। और गलतीयाँ देखने से अच्छा है भावनाओं को समझ शब्दों को पढ़ना 💕🤗
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आपकी सही सोच है | कहानियों के शब्दों पर नहीं बल्कि भावनाओं पर ध्यान देने से
पढने का लुफ्त आता है |फिर कभी कोई त्रुटी नज़र आये तो ज़रूर बताएं |
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