संबंधो की कुल पांच सीढियां होती है….
देखना , अच्छा लगना , चाहना , पाना …
यह चार बहुत सरल सीढियां हैं ,
सबसे कठिन पांचवी सीढि है ..”.निभाना ”Be happy….Be healthy …..Be alive..

इमानदारी की राह पर चलते चलते
पहुँच गया हूँ बेईमान शहर में
हर कदम पर ठोकर हूँ खाता
गिर जाता हूँ खुद की नजर में…
ज़माना बेईमान हो गया
राजेश्वर जैसे ही सुना कि उसका खेत कोई दूसरा आदमी जोत रहा है तो उसे बहुत आश्चर्य हुआ और गुस्सा भी आया | आधा खेत तो पहले से ही साहूकार ने दखल कर रखा है, बाकि का खेत भी चला जायेगा तो अपनी बर्बादी निश्चित है |
वह राम खेलावन से बोला … चलो मेरे साथ , देखे, वह कौन है जो मेरे खेत को जोत रहा है ?
दोनों जैसे ही खेत पर पहुँचे तो देखा …, चार – पांच लोग मिल कर खेत को जोत रहे है |
राजेश्वर गुस्से भरे लहजे में पूछा ..तुम मेरे खेत को क्यों जोत रहे हो भाई ? तुम लोग कौन हो ?.
जी, मैंने यह खेत ख़रीदा है और अब यह मेरी…
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