धुंध की दीवार – 5

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मंजिल उन्ही को  मिलती है …जिनके सपनों में जान होती है

पंखो से कुछ नहीं होता…. हौसलों  से उड़ान होती है  

आनंद में अचानक आये इस बदलाव से निशा को थोडा आश्चर्य हो रहा था, हालाँकि उसका दिल पहले से ही कहता था कि आनंद उसके साथ बेरुखी नहीं कर सकता है |

बहुत दिनों के बाद आनंद का साथ पाकर वह बहुत सुकून महसूस कर  रही थी और आज उसे शराब की भी तलब नहीं लगी |

चूँकि आनंद भी अपने सारे शूटिंग डेट्स को कैंसिल कर चूका था इसलिए उसके पास निशा के लिए समय ही समय था |

उससे अपने फिल्मों के बारे में ढेर सारी बातें शेयर करता और उसे हर तरह से खुश रखने की कोशिश करने लगा |

निशा को आनंद के साथ समय बिताना अच्छा लग रहा था और धीरे  धीरे उसे विश्वास होने लगा कि आनंद उसे छोड़ कर नहीं जायेगा |

तभी आज आनंद को सुचना मिली कि वो अवार्ड फंक्शन (function) जो आनंद के उपलब्ध नहीं रहने के कारण postponed   कर दिया गया था, वह कल होने जा रहा है और आनंद को उसमे भाग लेने के लिए आमंत्रित  किया गया है |

निशा की तबियत में बहुत तेजी से सुधार हो रहा था और तभी  आनंद ने फैसला किया कि कल के अवार्ड फंक्शन (function) में निशा को भी साथ लेकर जाएगा |

फ़िल्मी माहौल को देख कर शायद निशा का मन बहल जायेगा  और इससे उसकी स्थिति सामान्य होने में मदद मिलेगी |

उसने  निशा को उस फंक्शन (function) में चलने के बारे में कहा तो वह तुरंत मान गयी |

दुसरे दिन निशा ने फंक्शन ( function) में जाने के लिए अपना मन पसंद परिधान का चुनाव किया | आज बहुत दिनों के बाद उसके चेहरे पर मुस्कराहट लौटी थी  |

निशा  पूरी तरह सज – धज कर जाने के लिए तैयार हो गयी |  

जब वह तैयार होकर आनंद के सामने आयी तो आनंद उसे देख कर भौचक्का रह गया | आज तो वह गजब की ख़ूबसूरत लग रही थी | आनंद को पहले उसमे इतनी खूबसूरती नज़र नहीं आयी थी |

दोनों सज धज कर  अवार्ड फंक्शन (Award function) में जाने के लिए घर से निकल पड़े | आज बहुत दिनों के बाद निशा किसी फ़िल्मी माहौल में फिर से अपने को पाकर अच्छा महसूस कर रही थी |

बहुत सारे दोस्त कलाकार से भी मुलाकातें हुई | आनंद आगे की पंक्ति में सोफे पर बैठा था | दायें तरफ  निशा और बायीं तरफ आनंद की सबसे खास हिरोइन “स्वीटी” बैठी थी |

समारोह शुरू हो चूका था और सभी लोग डांस शो का मज़ा ले रहे थे |

डांस शो समाप्त होते ही  अवार्ड वितरण समारोह शुरू हुआ और सबसे पहले  बेस्ट-एक्टर  की घोषणा की गयी | आनंद के नाम की घोषणा होते ही तालियों की गडगडाहट से सारा हॉल गूंज उठा और आनंद अपने सीट से उठकर ट्राफी लेने के लिए स्टेज पर आ गया |

आनंद से किया गया पहला सवाल… आप के करिश्माई परफॉरमेंस (performance) का राज़ क्या है ? आप के सफल फ़िल्मी सफ़र में सबसे ज्यादा योगदान किसका है ?

तभी स्वीटी ने निशा की ओर व्यंगात्मक दृष्टि से देखा | स्वीटी को पूरा विश्वास था कि आनंद स्वीटी का ही नाम लेगा और स्टेज पर बुला कर उसे सम्मान देगा |

सभी लोग उत्सुकता से आनंद के उत्तर का इंतज़ार कर रहे थे  और तरह- तरह के अनुमान लगा रहे थे |

 तभी आनंद ने अपने हाथो में माइक लिया और मुस्कुराते हुए कहा … इस समारोह में उपस्थित सभी लोगों का मैं अभिनन्दन करता हूँ और मैं अपने चाहने वालों का शुक्रगुज़ार हूँ कि आप सब लोगों ने मुझे ढेर सारा प्यार दिया है |

आप ने मुझसे पूछा है कि हमारी सफलता का राज़ क्या है ? .. और इसका श्रेय किसको जाता है ?

तो मैं इतना ही कहूँगा कि … .. एक हसीना है, जो मेरे दिल के बहुत करीब है, …जो मेरी ज़िन्दगी है …. मेरी बंदगी है .. और उसका नाम है … निशा ,|

जी हाँ, दोस्तों,  अगर वो मेरे ज़िन्दगी में नहीं आयी होती तो शायद मैं आज इस मुकाम को हासिल नहीं कर पाता |

मेरी ज़िन्दगी उसकी कर्जदार है,.. वो यहाँ उपस्थित भी है  और  मैं उसे यहाँ बुलाना चाहूँगा |

तालियों की गूंज के साथ सभी लोग ख़ुशी का इजहार कर रहे थे,  सिर्फ स्वीटी को छोड़ कर | उसे पूरा विश्वास था कि आनंद मेरे बारे में कहेगा और मुझे स्टेज पर बुलायागा |

परन्तु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ | आनंद को अपने वश में करने की उसकी इच्छा और  चालाकी सब धरी की धरी रह गयी |

आनंद के द्वारा निशा का नाम लिए जाने के कारण स्वीटी को बहुत जोर का गुस्सा आया और वह मन ही मन आनंद को सबक सिखाने का फैसला कर लिया |

जी हाँ., आज से अपनी सभी फिल्मों से आनंद को out करवा कर ही दम देगी |  फिर वह अर्स से फर्श पर आएगा तो उसे समझ में आएगा कि स्वीटी क्या चीज़ है |

तभी आनंद स्टेज से उतर कर निशा के पास आया और उसे अपने साथ लेकर वापस स्टेज पर गया  |

हॉल में बैठे हजारों चाहने वालों को संबोधित करते हुए आनंद ने  कहा … दोस्तों, निशा मेरे ज़िन्दगी में तब आई जब मैं बहुत बुरे दौर से गुज़र रहा था,  इसने मेरे ज़िन्दगी को  सँवारने  के लिए अपने फ़िल्मी कैरीअर (carrear)  को दाँव पर लगा दिया | वरना आज वो भी एक सफल अभिनेत्री बन कर फ़िल्मी दुनिया पर राज करती |

लेकिन मेरी कुछ नादानियों के कारण इसके मन को ठेस पहुँचा है … आज मैं ने निशा को वापस पाया है और इसे मैं खोना नहीं चाहता हूँ |

इसलिए मैं निशा को अपने पत्नी के रूप में स्वीकार करते हुए इससे शादी करने की घोषणा करता हूँ |

फिर उसने हॉल में उपस्थित लोगों से कहा… मैं आज ही आपलोगों की अनुमति एवं आशीर्वाद से सगाई की अंगूठी निशा को पहना रहा हूँ |

फिर उसने पॉकेट से एक छोटी सी डिब्बी निकाली  जिसमे दो अंगूठियाँ थी …. उन दोनों ने एक दुसरे को अँगूठी पहनाया |  

निशा भाव विभोर होकर आनंद से लिपट गयी |  हॉल तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा | सभी लोग अपने स्थान से खड़े हो गए और दोनों को बधाई और शुभकामना दिया |

थोड़ी देर बाद जब हॉल में शांति हुई तो .. आनंद ने फिर कहा… मैं इस स्टेज से आज एक और घोषणा करना चाहता हूँ …. . आज के बाद, मैं फिल्मों से संन्यास ले रहा हूँ |  

जो मेरी फिल्मे अधूरी है उसे अगले तीन महीनो के अन्दर पूरा कर दूँगा और आज के बाद कोई नयी फिल्म साइन  नहीं करूँगा |

आज के बाद की मेरी ज़िन्दगी केवल निशा के लिए होगी…  हम दोनों इस चकाचौंध भरी फिल्म नगरी को अलविदा कह देंगे और यहाँ से दूर कहीं एक नयी दुनिया बसायेंगे |

और वो सारी  खुशियाँ एक दुसरे को बाँटेंगे जिसकी आज इस दुनिया में कमी है .. ताकि यह दुनिया प्यार मोहब्बत और चाहने वालों की दुनिया बन सके |

इस घोषणा को सुनते ही सभी लोग सकते में आ गए और वातावरण में बिलकुल ख़ामोशी छा गयी |  

कुछ देर के बाद  एकाएक तालियों के गडगडाहट  से पूरा हॉल गूंज उठा …….तालियाँ बहुत देर तक बजती रही …. मानो लोग आनंद और निशा को कहना चाह रहे हों ….

well done आनंद.,…..well done निशा  || ..

हम  सभी के तरफ से तुम दोनों के लिए बहुत सारी शुभकामनाएँ …… (समाप्त)…

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# हँसते ज़ख्म #…23

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9 replies

  1. Good ending. Nice. Enjoyed.

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  2. Unnatural ending.

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  3. Very nice

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  4. Thank you very much..
    Read my other Blog stories..
    Stay connected and stay happy..

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  5. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    Relations shine by shaking hands in Best moments,
    But they Blossom by holding hands in critical moments..

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