

सुबह पांच बजे मैं बिस्तर छोड़ दिया | रात में नींद पूरी नहीं होने के कारण उस समय मेरी आँखे भारी लग रही थी | शरीर में भी थकावट का अनुभव कर रहा था |
मैं अपनी थकान को कम करने के लिए, वही कमरे के फर्श पर बैठ कर योगा करने लगा |
मेरे भ्रामरी प्राणायाम की आवाज़ सुनकर मेरे रूम पार्टनर की नींद खुल गई और उसने मुझे देखते हुए कहा शिकायत भरे लहजे में कहा …आप तो मुझे सोने ही नहीं दोगे |
अब मैं उसको क्या कहता, बस मैं अपने गुस्से को पी गया और वहाँ से उठ कर चुप चाप स्नान करने चला गया | जब मैं स्नान कर वापस आया तब तक उसके तेवर बदल चुके थे |
उसने मेरा हाँथ पकड़ते हुए कहा …आई ऍम सॉरी बॉस | मैं जानता हूँ कि मेरी नाक बहुत आवाज़ करती है | शायद रात को इस वजह से आपको परेशानी हुई होगी | लेकिन मुझे माफ़ कर दो , मेरी तो यह बिमारी है |
उसकी बातों को सुन कर मेरा गुस्सा शांत हो गया और हमलोग ज़ल्दी ज़ल्दी तैयार होने लगे क्योकि ब्रेकफास्ट लेने के बाद नौ बजे ही पटाया बिच के लिए रवाना होना था |
होटल तो शानदार था ही , उसका रेस्टोरेंट भी लाजवाब था | यहाँ ज्यादातर “नॉन वेज” आइटम ही थे | लेकिन मैं हमेशा ऐसे मौकों पर “वेज” आइटम ही पसंद करता हूँ | इसलिए मैंने प्लेट में फ्रूट्स ले लिया तभी मेरी नज़र वहाँ बना रहे गरमा गरम ढोसे पर पड़ी |
फिर क्या था , हमने ढोसा का मज़ा लिया और कॉफ़ी पीया | आज का कार्यक्रम “कोरल आइलैंड” घुमने का था , इसलिए हमलोग तैयार होकर पटाया बिच आ गए | बहुत ही खुबसूरत जगह थी , बहुत मज़ा आ रहा था |
यहाँ से हमलोगों ने मोटरबोट लीं और कोरल आइलैंड के लिए रवाना हो गए |

समुद्र में मोटरबोट से सफ़र करने का मेरा पहला मौका था | मोटर बोट काफी स्पीड में पानी पर तैर रहा था | मुझे तो शुरू में थोडा डर लग रहा था लेकिन फिर खूब मज़ा आने लगा , बिलकुल adventurous drive था वह |
लगभग बीस मिनट के समुद्री सफ़र कर हमलोग कोरल आइलैंड पर पहुँच गए | मैंने सुन रखा था कि यह पटाया का सबसे बड़ा और खुबसूरत आइलैंड है |
सचमुच, बहुत खुबसूरत नज़ारा था | यहाँ का पानी बिलकुल साफ़ और नीला था, बिलकुल नीचे सतह देख सकते थे |
बिच में मौज मस्ती करते हुए बहुत से विदेशी टूरिस्ट भी थे |
सचमुच नीला समंदर का पानी और नीला आसमान एक जगह हो तो इससे बढ़ कर और कोई दूसरी खुबसूरत चीज़ नहीं हो सकती थी …यहाँ प्रकृति का अद्भुत नज़ारा सामने था
वहीँ, दूसरी तरफ जंगल और पहाड़ का अद्भुत दृश्य दिखाई पद रहा था | बड़ा ही प्यारा और मनोरम दृश्य था | हालाँकि थोड़ी हलकी गर्मी भी थी लेकिन यहाँ के जीवंत वातावरण को देख कर दिल को बहुत सुकुन लग रहा था |
समुद्र का पानी इतना साफ़ था कि हमलोग तुरंत ही डुबकी लगाने से अपने को रोक नहीं सके |
सभी दोस्तों के साथ पानी में खूब मौज मस्ती कर रहे थे और फोटो भी खीचा रहे थे | तभी हमलोगों की इच्छा हुई कि बोटिंग का भी मज़ा लिया जाए |
यहाँ तरह तरह के “वाटर राइड्स” करते लोगों के चेहरे पर ख़ुशी झलक रही थी |
हमलोगों ने भी “बनाना राइड्स” का मज़ा लिया |
यहाँ खाने के लिए तरह तरह के “सी – फ़ूड” भी मिल रहे थे | हमलोगों को भूख भी लग रही थी | यहाँ नारियल पानी और सी फ़ूड का मज़ा लेने लगे |
यहाँ का नारियल पानी का स्वाद कुछ अलग तरह का था, लेकिन उसका मलाई खाने में बड़ा मज़ा आया | दिन भर कैसे निकल गए, पता ही नहीं चला |
हमलोग शाम को “कोरल आइलैंड” से वापस अपने होटल आ गए | होटल में आ कर फिर साफ़ पानी से स्नान किया | समुद्र बिच में गोता लगाने के बाद टैप वाटर से नहाना ज़रूरी हो गया था |

रात में यहाँ के “वाल्किंग स्ट्रीट” घुमने का प्रोग्राम था |
सुना था कि यहाँ की मदमस्त और चकाचौंध भरी रात सारे विश्व में मशहूर है |
रात भर इस स्ट्रीट पर लोग तरह तरह से लुफ्त उठाते है |
वैसे हमलोग का होटल वाल्किंग स्ट्रीट के पास ही था | हमलोग बन – ठन कर रात में घुमने निकल पड़े |
मैंने जो वहाँ देखा उसका वर्णन यहाँ नहीं कर सकता | ऐसा लगा जैसे हम एक अलग दुनिया में ही आ गए हों | यहाँ संगीत की धुन पर थिरकते लोग |
चारो तरफ रौशनी की चकाचौंध और यहाँ लाइन से खड़ी अप्सराएं मसाज़ करने के लिए ग्राहक को मुस्कुरा कर लुभाने का प्रयास कर रही थी |
यहाँ साथ शराब पीने पिलाने के लिए भी भाड़े पर लड़कियां मिल रही थी |
इसे adult स्ट्रीट कहना गलत नहीं होगा | यहाँ की दुनिया कुछ अलग ही थी | आधुनिकता के नाम पर खुले बदन, और लड़कियां हाथों में सिगरेट लेकर ऐसा कश लगाती दिखी कि मर्द भी इनके सामने फेल है |
रात भर मौज मस्ती करते लोग, संगीत और रौशनी से नहाया यह वाल्किंग स्ट्रीट, इसकी चकाचौंध एक अलग ही नज़ारा प्रस्तुत कर रहा था | मेरा इस तरह का बिलकुल नया ही अनुभव हो रहा था |
आज टूर का पहला दिन बहुत से नए और अजीब अनुभव कराता गुजर गया |
दुसरे दिन सुबह थकान के कारण कुछ देर से उठा | तभी गाइड ने आकर हम सबों को खबर किया कि गाड़ी आ गई है और जल्द तैयार होकर सबलोग नीचे आ जाएँ | आज हमलोग को पारा सेल्लिंग और सी वाल्किंग (sea walking) के लिए जाना है |
मैं कभी पैरा – सेल्लिंग नहीं किया था, इसलिए उसका अनुभन करना ज़रूरी था |
हमलोग मोटरबोट की मदद से उस जगह पर पहुँच गए | सचमुच काफी adventurous स्पोर्ट्स था | सभी लोग इस साहसिक स्पोर्ट्स “पैरा – ग्लाइडिंग” का मज़ा ले रहे थे |
मुझे शुरू में बहुत डर लग रहा था, हालाँकि सेफ्टी का पूरा ख्याल रखा गया था | काफी कौतुहल हो रही थी | पैरा सेल्लिंग कर के मुझे बहुत मज़ा आया |
मैं वहाँ कॉफ़ी पी पी रहा था तभी दूसरी तरफ सी वाल्किंग (sea walking ) का मजा देते हुए लोग दिख रहे थे |
बिलकुल समुद्र के अन्दर उसके सतह पर पैदल चलने का अनुभव भी अलग होता होगा |

ऐसा सोच कर हमलोग भी “सी वाल्किंग “ sea walking का मज़ा लेने का मन बना लिया |
हमलोगों को हेलमेट टाइप का कॉस्टयूम (costume) पहना दिया जिससे पानी के अन्दर भी ऑक्सीजन मिलता रहे | दस लोगों के ग्रुप में हमलोगों को समुद्र के अन्दर ले जाया गया , साथ में ट्रेनर भी था |
हमलोग जब समुद्र के सतह पर पहुंचे तो बहुत से जलिए जीव को देख कर मन रोमांचित हो गया | ट्रेनर ने मछली के खाने के दाने बिखेर दिया, तभी बहुत सारी खुबसूरत समुद्री मछलियाँ हमलोगों के आस पास आ गई |
हमलोग उसे छू भी सकते थे | बड़ा ही रोमांचित कर देने वाला क्षण था | तभी हमारा एक दोस्त मकड़ी की तरह की कोई जीव को छू दिया , तभी वो समुद्री जीव उस पर हमला कर दिया और उसके नाक के पास से खून निकलने लगा |
बहुत मुश्किल से उस जीव को शरीर से अलग किया गया और हमलोगों को तुरंत पानी से बाहर निकाल दिया गया |
दरअसल, समुद्री जीव को सिर्फ देखना था उसे छेड़ने की मनाही थी ,लेकिन हमलोग कभी कभी ज्यादा ही रोमांचित हो जाते है और दुर्घटना का शिकार हो जाते है |
हमलोग का दूसरा दिन इस तरह से बीत गया , सच पूछिये तो वहाँ से आने की इच्छा ही नहीं हो रही थी | “सी वाल्किंग” में मेरे दोस्त के साथ दुर्घटना के कारण पूरा मज़ा नहीं ले सका और पटाया का समुद्र का रोमांच भरा यात्रा यही समाप्त हो गया |
अगला कार्यक्रम था …आज रात में टिफ़नी कैबरे “ tiffany cabaret” शो देखने का |
हमलोग ठीक नौ बजे उस थिएटर में थे और 9.३० रात में शो शुरू हो गया | इसमें तरह तरह के नृत्य के द्वारा थाईलैंड की संस्कृति और कल्चर की झलक देखने को मिल रही थी | ..यहाँ की लोकल ग्रुप डांस बहुत ही अच्छा लगा | यह भी एक अलग तरह का अनुभव था | सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि यहाँ थाईलैंड में हिंदी गाना पर इन्होने अपनी संस्कृति का समावेश कर बहुत अच्छे तरह से डांस प्रस्तुत किया | इस कैबरे डांस का मजा आप भी ज़रूर लीजिये , इसका link नीचे दिया गया है …
रात के करीब ग्यारह बजे होटल वापस आ गए | वहाँ कुछ दोस्त लोग होटल में स्थित बार में दारु का मजा ले रहे थे | वहाँ संगीत भी चल रहा था और लोग शराब पीने के बाद डांस के लिए बने स्टेज पर डांस भी कर रहे थे | रंग बिरंगी रौशनी और संगीत के साथ डांस दोस्तों के साथ करने का एक अलग ही मज़ा है |
मैं भी दो पैग ले लिया और फिर डांस में शरीक हो गया | हमलोग जम कर एक घंटे तक डांस करते रहे |
मेरे डांस को देख कर हमारे साथी आश्चर्य चकित हो रहे थे | इतना शांत रहने वाला इंसान आज दारू पीने के बाद अन्दर के टैलेंट को बाहर निकाल रहा था | सचमुच बहुत दिनों के बाद अपनी पुरानी शौक को पूरा करने का मौका मिल रहा था |
इस तरह मैं थक कर चूर हो चूका था और फिर रात के बारह बजे हमलोगों ने डिनर लिया |
रात को मैं कमरे में आराम से सो गया | आज मुझे रूम पार्टर की नाक की आवाज़ भी मेरी नींद को डिस्टर्ब नहीं कर सका | सचमुच कभी कभी दारु बड़े काम की चीज़ साबित होती है ….(क्रमशः )

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Categories: Tour & Travel
When I read this blog it brought back memories of our trip to Bangkok and Pattaya in 2012. Very nicely penned. Enjoyed reading.
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Yes sir, this trip was also conducted in 2012 and just revived our memory
and share the moments enjoyed..
Thank you sir,, Stay connected and stay happy ..
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Nice
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thank you…
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Nice story.
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Thank you dear ..that was memorable events..
Stay connected and stay happy..
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
हर जलते दिये तले अँधेरा होता है ,
हर रात के पीछे एक सवेरा होता है
लोग दर जाते है मुश्किलों को देख कर
पर हर मुश्किल के पीछे सफलता का सवेरा होता है ..
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thank you for your support..
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