
दो दिनों की यात्रा कर अंजना वापस अपने शहर लौट चुकी थी | आज सुबह – सुबह जब अपने ऑफिस पहुँची तो उसे आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा, जब उसने देखा कि निर्मला पहले से ही यहाँ मौजूद है और उसका इंतज़ार कर रही है |
अंजना उसे अपने साथ चैम्बर में ले गई और कहा…तुम बेकार में चिंता कर रही हो निर्मला | मैं जब तक हूँ तुम्हे किसी बात की चिंता करने की ज़रुरत नहीं है |
और अंजना ने उसी के सामने विजय को फ़ोन लगा दिया |
अंजना का नम्बर देखते ही विजय फ़ोन उठाया और कहा …तुम कैसी हो अंजना ?
मैं ठीक हूँ विजय …अंजना ने संक्षिप्त सा उत्तर दिया |
तुम्हारी और मेरी कहानी दुनिया वालों को भी पता चल गया अंजना | समाचार पत्र ने तुम्हारी चाची की गन्दी हरकत का पर्दाफाश कर दिया है | मुझे तो पुरे परिवार से ही नफरत हो गई है, क्योकि हमें लगता है कि सभी लोग मिले हुए है |
इसलिए हमने निर्मला को छोड़ने का फैसला कर लिया है | मैं अब भी तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हूँ |
उसकी बातों को बीच में काट कर अंजना बोली…..विजय, मैं अब इन सब बातों से ऊपर उठ चुकी हूँ | भगवान् की जो इच्छा होती है वही होकर रहता, उस पर हमारा और तुम्हारा कोई वश नहीं चल सकता है |

अब मेरा जीवन लोगों के कल्याण के लिए समर्पित है |
और रही मेरी छोटी बहन निर्मला की बात… तो मैं तुम्हे भरोसा दिलाना चाहती हूँ कि इन सब घटना में उसका कोई हाथ नहीं है,
वह बिलकुल निर्दोष है , वह तिरस्कार की हकदार नहीं है | मेरी तुमसे विनती है कि उसे खुले मन से स्वीकार करो और सुखी जीवन बिताओ …अंजना शांत मन से उसे समझा रही थी |
जिस तरह तुमने अपने जीवन को लोक सेवा में समर्पित कर दिया है, उसकी मैं प्रशंसा करता हूँ |
मैं भी तुम्हारी तरह जीवन से समझौता करने की कोशिश करूँगा और एक बार फिर तुम्हे बताना चाहता हूँ कि तुम्हारे द्वारा दिया गया कोई भी आदेश मेरे लिए मान्य है | तुम जैस चाहती हो वैसा ही होगा |
मुझे महसूस हो रहा है कि शायद निर्मला तुम्हारे पास ही है और तुम खुले मन से उसकी सहायता करना चाहती हो | उससे कह देना कि मैंने भी उसे माफ़ कर दिया है और वह वापस अपने घर आ सकती है |
निर्मला उन दोनों की बाते सुन रही थी और उसके आँखों से आँसू बह रहे थे | उसे एहसास हो रहा था कि अंजना और विजय के बीच में कितना गहरा प्रेम है |
सच, अंजना आज के युग में “त्याग की देवी” है, वह अंजना से लिपट कर बहुत देर तक रोती रही | आज अंजना ने फिर त्याग का परिचय दिया है और निर्मला के घर को उज़रने से बचा लिया,
अंजना को पता था कि आज चाचा जी अपने वकील के द्वारा समझौता पत्र कोर्ट में पेश करने वाले है | इसलिए वह सबह सुबह अपने कामों को निपटा कर कोर्ट के लिए रवाना हो गई |
वहाँ चाचा-चाची और निर्मला पहले से ही मौजूद थे, और वे सभी खुश नज़र आ रहे थे |
उनके वकील ने 15 लाख रूपये देने का वादा कर समझौता पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया |
जज साहब ने अंजना से पुछा…क्या आप को यह समझौता मंज़ूर है | इस पर अंजना ने अपनी सहमती जताई |
फिर जज साहब ने अंजना के बैंक अकाउंट की जानकारी माँगा ताकि 15 लाख रूपये उसके खाते में जमा कराया जा सके |
इस पर अंजना ने कहा….मैं इस राशी को एक अनाथालय में दान करना चाहती हूँ जिसका विवरण मैंने आपको आवेदन के माध्यम से दे रखा है |

अंजना की बात को सुनकर वकील साहब चौक पड़े और पूछा …जब आप को पैसे की ज़रुरत नहीं थी तो आपने केस क्यों किया और इतनी मिहनत क्यों की |
इस पर अंजना ने कहा … जब मैं घर से दुखी होकर आत्महत्या करने जा रही थी तो हमें फिर से नयी ज़िन्दगी देने वाला यही अनाथालय ही है, इसे मैं अपना घर ही समझती हूँ |
वकील साहब पैसों की ज़रुरत भले ही मुझे न हो पर समाज की भलाई के लिए काम करने वाली संस्थाओं को तो है | ये संस्थाए तो अनाथ बच्चो और समाज में सताई हुई महिलाओं को एक नया जीवन देने का काम करती है |
हमारा कर्त्तव्य बनता है कि ऐसे संस्थाओं .को चलाने के लिए दिल से मदद करें | मैं भी अपनी सारी कमाई इन्ही संस्थाओं को दान कर देती हूँ |
आज भी समाज का एक बड़ा हिस्सा बुनियादी सुविधाओं के लिए, समान अवसर और जीने के हक़ के लिए तरस रहा है | क्या हमलोग का उनके प्रति कोई दायित्व नहीं है ?
अगर हम सब केवल अपने बारे में ही सोचते रहेंगे तो उन लोगों का क्या होगा जो शोषित है, वंचित है और समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े है और इंतज़ार कर रहे है कि कोई तो हाथ उनकी तरफ बढेगा मदद के लिए …., सहारा बनने के लिए ,
वकील साहब मैं तो बस अपना फ़र्ज़ निभा रही हूँ और कुछ नहीं | इस नेक कार्य में साथ देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद |
जज साहब अंजना की बातों को सुन कर अभिभूत हो गए और उसकी इस सोच के लिए बहुत तारीफ किया | उन्होंने कहा ..अगर आप जैसी सोच सब लोगों की हो जाये तो फिर ऐसी अदालतों की ज़रुरत ही नहीं पड़ेगी |
उन्होंने समझौते की राशी को उस अनाथालय में जमा करने का आदेश पारित कर दिया और इस तरह से यह केस समाप्त कर दिया |
कोर्ट द्वारा आदेश पाकर चाचा और चाची ने राहत की सांस ली और दोनों ने अंजना के पास जाकर कहा.. .तुमने हमारी गलतियों को माफ़ कर दिया, मैं तहे दिल के तुम्हारा शुक्रगुजार हूँ |

मेरे घर के दरवाजे तुम्हारे लिए सदा खुले है | मैं चाहता हूँ कि तुम हमलोगों के साथ ही मेरी बेटी बन कर रहो |
अंजना ने कहा …अब मेरा जीवन लोगो की भलाई के लिए है और मैं अब सांसारिक मोह माया से दूर रहना चाहती हूँ ताकि मैं ज़रूरतमंदों की सेवा ठीक से कर सकूँ |
अंजना ने चाचा चाची के पैर छुए और अपनी गाड़ी में बैठ कर अपने ऑफिस पहुँची तो देखा कहानीकार राजेश उसका इंतज़ार कर रहा है |.
अंजना ने उसे देख कर मुस्कुराते हुए कहा … आज आप की कहानी पूरी हुई और अगर आप चाहे तो इस कहानी को प्रकाशित कर सकते है |
नहीं अंजना जी, यह कहानी अभी भी अधूरी है |
अंजना आश्चर्य से उसकी ओर देखा और कहा …मेरा मकसद तो पूरा हो गया फिर कहानी पूरी कैसे नहीं हुई ?
उस कहानीकार ने भावुक हो कर कहा …मैं बहुत ही छोटा और साधारण इंसान हूँ ..फिर भी मैं चाहता हूँ कि मैं न केवल आपके इस पुनीत कार्यों में सहयोगी बनूँ बल्कि आप के जीवन में भी आप का साथी बनूँ…. क्या आप मेरी जीवन संगनी बनना पसंद करेंगी ?
कहानीकार के विचार और उसकी भावना को अंजना ठुकरा नहीं सकी |
और इस तरह एक परिवार का निर्माण हुआ जिसमे वह कहानीकार था, अंजना थी और था उसका वह बेटा जो अनाथालय में पल रहा था … ( समाप्त. ).

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Categories: story
नायिका के सघर्ष ,प्रेम व त्याग को बहुत सुंदर लेखन से प्रस्तुत किया गया है 👌🏼कहानी में अंत तक रोचकता व जिज्ञासा बनी रही है, 👍समाप्ति सुखद रही 😊यह बहुत अच्छा लगा👏
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मेरी कहानी की सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद /आपने मेरा उत्साह बढाया /
मैं आगे भी अच्छी रचना प्रस्तुत करने की कोशिश करूँगा..आभार..
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Story nicely scripted
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Thank you dear. Your words give me reason to think even better to write..
Stay connected and stay happy..
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Beautiful story adorned with beautiful pictures.
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Thank you dear. Your words keep me motivating to write even better..
I am grateful to you ..Stay connected and Stay happy..
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Good storyline. More power to your pen Verma ji
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Beautiful Store ader
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Thank you dear .. stay connected..
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Thank you so much sir, You have encouraged me all the way in my journey of writing .
I am grateful to you. I will try to improve further and make worthful writing.
Stay connected and stay happy..
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कहानी के हर कथानक को आपने बहुत ही बेहरीन तरीके से प्रस्तुत किया है कहानी का अंत सुखद और सराहनीय है।☺️
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बहुर बहुत धन्यवाद| आपके शब्द हमारे लिए प्रेरणा के काम करेंगे और आगे भी अच्छी रचना
प्रस्तुत करने की कोशिश करूँगा/ आपका आभार /
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Beautiful
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Bahut Khub 🙏🙏
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Thank you very much.. I think you are enjoying my Blogs..
Your words of appreciation keep me motivating to write something better..
Stay connected and stay happy..
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जी अच्छा लगता है आपके ब्लॉग में पढ़ना📖📖
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मेरी हौसलाअफजाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद | आप के शब्द हमें कुछ अच्छी बातें
लिखने को प्रेरित करती है | आपका आभार |
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थाम के रख उम्मीद का दामन ,
तो हर वक़्त तेरा है …
जहाँ मन में हार नहीं ,, वहीँ नया सवेरा है …
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