
हम सब लोग सपने देखते है और सपने में अजीब अजीब चीज़ देख लेते है / इसका कारण कुछ ठीक ठीक पता नहीं चलता है / कुछ लोग कहते है कि सपनो में हम अपूर्ण इच्छाओं को पूर्ण होते देखते है / कुछ लोग तो कहते है कि सपने वो नहीं होते जो बंद आँखों से देखी जाती है बल्कि सपने वो होते है जो सोने ही नहीं देते है / शायद हर इंसान के लिए सपनों का अर्थ अलग अलग होता है /
आज मैं ने भी एक अजीब सपना देखा ..रांची का पागलखाना जहाँ यह अफवाह फैल गई कि वहाँ carona virus का इन्फेक्शन हो गया है, क्योंकि वहाँ एक विदेशी पागल आया था / तो वहाँ के पागलों में भगदड़ मच गई / जब पागलखाना का दरवाजा टुटा तो कैदी निकल निकल कर भागने लगे / सब लोग आश्चर्य से इस घटना को देख रहे थे / लोग सोचने लगे कि पागलों को ऐसी जानकारी कैसे मिली और अगर वह सब कुछ समझते है तो वो पागल कैसे है…..यह एक शोध का विषय था / कुछ पत्रकारों ने उन पागलों को कांटेक्ट करने और इंटरव्यू लेने की ठानी …

इंटरव्यू के दौरान एक पागल ने घोषणा कर दी कि वो china का PM है, दुसरे ने इटली का और तीसरे ने अमेरिका का / इस तरह पागलों में PM बनने की होड़ लग गई, लेकिन किसी ने भी इंडिया के PM होने की घोषणा नहीं की /
एक ने कहा मैं भी एक राजनीतिज्ञ हूँ, मेरा काम जनता की सेवा करना था लेकिन कल मैं नाच गाना की पार्टी में चला गया और मेरी ऐसी हालत हो गई / लेकिन आप तो पागल नहीं लगते है..पत्रकार ने प्रश्न किया / जब उसने सुना तो जोर जोर से हँसने लगा, तब जाकर यकीन हुआ कि ….
तीसरा पागल उस पत्रकार को देख कर फुट फुट कर रोने लगा, रोने का कारण पूछने पर, उसने कहा कि आदमियों के रहने की यह एक ही महफूज जगह थी, वो भी आज बर्बाद हो गई /
एक पागल ने अचानक से भारत माता की जय के नारे जोर जोर से बोलने लगा ..तो दुसरे पागल ने objection किया / फिर उससे पूछा कि तू जोर जोर से भारत माता की जय की नारे क्यूँ लगा रहा है ..तो उसने कहा कि यही नारा लगाने पर ही तो मैं यहाँ आया था /

प्रेस कांफ्रेंस चल ही रही थी कि कुछ पढ़े लिखे लोग मिलकर इस बात पर शोध करने लगे कि पागल को कैसे पता चला कि कैरोना virus क्या है और उसे इतनी समझ कहाँ से आ गई कि अपना बसा बसाया घर छोड़ कर भाग खड़े हुए / बहुत माथा पच्ची कर के इस पर एक शोध पत्र जारी भी हुआ, लेकिन अभी तक किसी के समझ में नहीं आ सका / हालाँकि शोध की रिपोर्ट बहुत लम्बी चौड़ी नहीं थी, सिर्फ एक लाइन की थी लेकिन जो भी उस रिपोर्ट को पढ़ कर समझने की कोशिश करता वो भी पागल हो जाता /
एक बात और, कुछ अपागल लोग ने देखा कि कुछ पागल पागलखाना से निकल कर बुध्धिजीवी लोगों में घुल मिल गए है तो इसके विरोध में उनलोगों ने एक बयान जारी की और बयान की कॉपी प्रेस में जारी करने को दी गई / परन्तु गलती से पुरानी वाली बयान की कॉपी ज़ारी हो गई, जिसमे बेरोज़गारी, मंहगाई और कानून व्यवस्था पर चिंता प्रगट की गई थी, पागलों के सम्बन्ध में एक भी शब्द ना था /
उसी समय हमारी आँख खुल गई और मैं बिस्तर से उठ बैठा और सोचने लगा ..क्या यह करोना का दशहत इस हद तक हमारे बीच है / ऐसा लग रहा है हम अभी भी पागलों के बीच घिरे है और हमारी सोच भी कुंठित हो गई है /
BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,
If you enjoyed this post don’t forget to like, follow, share and comments.
Please follow me on social media..
Instagram LinkedIn Facebook
हा…. हम अभी भी पागलों के बीच घिरे है…. अच्छा लगा Uncle…
LikeLike
इस lockdown के समय में अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का यह एक माध्यम है /आप लोग के प्रतिक्रिया जान कर ख़ुशी होती है …धन्यवाद /
LikeLike
Hum bhi pagal h sir ji
LikeLiked by 1 person
हहाहाहा…एक तरह से देखा जाए तो हम सभी पागल है .. हमारा जूनून भी पागलपन की निशानी है . खैर ,बताओ …blog कैसा लगा..थैंक you समय देने के लिए…
LikeLike