
दोस्तों, बचपन जीवन का एक ऐसा हिस्सा होता है जिसे जब भी याद करते है ,हमारे चेहरे पर एक हल्की मुस्कान बिखर जाती है |
ये बचपन की यादें अक्सर तभी आती है जब हम फुर्सत के लम्हों में होते है | आइये, बचपन को फिर से जीने का एक प्रयास करते है …..

दिल तो मेरा बच्चा है
वो चीज़ जिसे # दिल # कहते है,
हम भूल गए हैं …रख के कहीं
अगर वो आस-पास भी नज़र आए
तो गलती से दिल से ना लगा लेना…
……दिल मेरा बड़ा चंचल है जी |
दिल ही तो है… कभी शरारत भी करे
तो गलती से… उसे सजा मत दे देना
…..दिल तो मेरा बच्चा है जी |
जो कभी साथ झूमने गाने को कहे
तो बखूबी उसका साथ तुम दे देना
…..दिल मेरा * दुख * से घबराता है जी |
वो कभी कड़वी पर सच्ची बात कह दे,
तो दिल पे मत लेना यार,..विचार करना,
दिल तो आखिर बच्चा है,
पर बिल्कुल वो तो सच्चा है…..
………. ( विजय वर्मा )
BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSSED ….. BE ALIVE,,
If you enjoyed this post don’t forget to like, follow, share and comments.
Please follow me on social media.. Instagram linkedin facebook
Categories: kavita
Bhut khub sir ji
NYC line sir ji
LikeLike
Thank you dear ,I will try to post some more purposeful articles,
LikeLike
NYC line sir ji
LikeLike
Nice
LikeLike
Nice
LikeLike
thank you
LikeLike
thanks
LikeLike