
स्वस्थ रहना कौन नहीं चाहता है , लेकिन शरीर पर जितना ध्यान देना चाहिए और ज़रूरी उपाय करना चाहिए वो हम नहीं करते और कई रोगों के शिकार हो जाते है |
अगर हम थोड़ी सावधानियां बरते और कुछ उपाय करें तो हम बहुत सी बीमारी से बच सकते है और स्वस्थ रह सकते है |
वैसे स्वास्थ्य सिर्फ बीमारियों की अनुपस्थिति का नाम नहीं है, हमें सर्वांगीण रूप से स्वास्थ्य के बारे में जानकारी होना बहुत आवश्यक है ।
स्वास्थ्य का अर्थ विभिन्न लोगों के लिए अलग-अलग होता है । लेकिन अगर हम एक सार्वभौमिक दृष्टिकोण की बात करें तो अपने आपको स्वस्थ कहने का यह अर्थ होता है कि हम अपने जीवन में आनेवाली सभी सामाजिक, शारीरिक और भावनात्मक चुनौतियों का प्रबंधन करने में सफलतापूर्वक सक्षम हों।
वैसे तो आज के समय मे अपने आपको स्वस्थ रखने के ढेर सारी आधुनिक तकनीक मौजूद है ,फिर भी ,कुछ ज़रूरी उपायों की चर्चा यहाँ करना चाहते है …
* अगर सुख की नींद सोना हो तो सोते समय ‘चिंता’ न करें,, बल्कि प्रभुनाम का ‘चिंतन’ करें । चिंता करने से अच्छी नींद नहीं होती है, और इस तरह कुछ दिनों के पश्चात हम विभिन्न रोगों का शिकार हो जाते है /

* पाचन शक्ति ठीक रखनी हो तो ठीक वक्त पर भोजन करें और प्रत्येक कौर को 32 बार चबाएँ। हमारी बहुत से बीमारियाँ पेट गड़बड़ के कारण ही शुरू होती है इसलिए पाचन तंत्र को दुरुस्त रखना आवश्यक है, पाचन शक्ति सामान्य एवं सक्षम हो |
* यह गलतफहमी है कि अण्डा, माँस खाने से बल बढ़ता है और शराब पीने से आनंद आता है । अण्डा, माँस खाने से शरीर मोटा-तगड़ा जरूर हो सकता है पर कुछ बीमारियाँ भी इसी से पैदा होती हैं। शराब पीने से आनंद नहीं आता, बेहोशी आती है और बीमारियाँ होती हैं।
* अपनी आर्थिक शक्ति से अधिक धन खर्च करने वाला कर्जदार हो जाता है। उसी प्रकार अपनी शारीरिक शक्ति से अधिक श्रम करने वाला कमजोर हो जाता है । अपनी क्षमता से अधिक विषय भोग करने वाला जल्दी बूढ़ा और नपुंसक हो जाता है और अपने से अधिक बलवान से शत्रुता करने वाला भी ज़ल्द नष्ट हो जाता है।
* भोजन करते समय और सोते समय किसी भी प्रकार की चिंता, क्रोध या शोक नहीं करना चाहिए। भोजन से पहले हाथ और सोने से पहले पैर धोना तथा दोनों वक्त मुँह साफ करना हितकारी होता है।
* यदि आप मुफ्त में स्वस्थ और चुस्त बने रहना चाहते हैं तो आपको तीन काम करना चाहिए।
पहला यह कि प्रातः जल्दी उठकर वायु सेवन के लिए लम्बी सैर के लिए जाना चाहिए और दूसरा कि ठीक वक्त पर खूब अच्छी तरह चबा-चबाकर खाना तथा तीसरा काम कि दोनों वक्त शौच अवश्य जाना चाहिए ।

इसके अलावा मानसिक स्वास्थ पर भी ध्यान दिया जाना ज़रूरी है | मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ हमारे भावनात्मक और आध्यात्मिक लचीलेपन से है जो हमें अपने जीवन में दर्द, निराशा और उदासी की स्थितियों में जीवित रहने के लिए सक्षम बनाती है।
मानसिक स्वास्थ्य हमारी भावनाओं को व्यक्त करने और जीवन की ढ़ेर सारी इच्छाओं के लिए अनुकूल बनाती है | इसे अच्छा बनाए रखने के निम्नलिखित कुछ तरीके हैं –
- हमेशा मन में प्रसन्नता, शांति व व्यवहार कुशल होने का प्रयास करना चाहिए |
- आत्म-संतुष्टि की भावना रखना चाहिए |
- भीतर ही भीतर कोई भावात्मक संघर्ष पैदा ना होने दें |
- डर, क्रोध, इर्ष्या, पर नियंत्रण होना आवश्यक है |
- मनसिक तनाव एवं अवसाद से अपने को दूर रखें |
- वाणी में संयम और मधुरता होनी चाहिए ,ताकि संघर्ष की स्थिति उत्पन्न ना हो |
- स्वार्थी ना बनें और संतोषी जीवन अपनाएं ।
- सेवा की भावना और विकट परिस्थितियों में संतुलन बनाए रखना चाहिए |
इसके अलावा आध्यात्मिक रूप से भी स्वस्थ होना ज़रूरी है | जीवन के अर्थ और उद्देश्य की तलाश करना हमें आध्यात्मिक बनाता है। आध्यात्मिक स्वास्थ्य हमारे निजी मान्यताओं और मूल्यों को दर्शाता है। अध्यात्मिक लाभ के लिए कुछ उपाय है …

- परेपकार एवं लोकल्याण की भावना होना आवश्यक है |
- चरित्रवान व्यक्तित्त्व ,और इन्द्रियों को संयम रखना ज़रूरी है |
- अपने शरीर सहित इस भौतिक जगत की किसी भी वस्तु से ज्यादा मोह नहीं रखना चाहिए |
- भोजन करने की इच्छा, अर्थात भूख समय पर लगती हो, भोजन ठीक से पचता हो |, मलमूत्र और वायु के निष्कासन उचित रूप से होते हों, शरीर में हलकापन एवं स्फूर्ति रहती हो |
- इन्द्रियाँ प्रसन्न रहतीं हों, मन भी सदा प्रसन्न रहती हो, सुखपूर्वक रात्रि में शयन (sound Sleep) होता है और सुखपूर्वक ब्रह्ममुहूर्त में नींद खुलता हो ,तो समझिये आप स्वस्थ एवं निरोगी है अन्यथा आप रोगी है , जिसे समय रहते उपाए करना चाहिए |
- यदि आप सुख चाहते हैं तो दुःख देने वाला काम न करें, यदि आप आनंद चाहते हैं तो स्वास्थ्य की रक्षा करें।
यदि आप स्वास्थ्य चाहते हैं तो व्यायाम और शुद्ध भोजन करें । संसार के सभी तरह के आनंद तभी प्राप्त कर सकते है जब अपने को स्वस्थ रखते है |
कहा भी गया है-…. पहला सुख निरोगी काया।
स्वस्थ रहना ज़रूरी है -2 पढने हेतु नीचे दिए link पर click करें ..

BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,
If you enjoyed this post don’t forget to like, follow, share and comments.
Please follow me on social media..click the link below..
Categories: health
Nice
LikeLike
thanks
LikeLike
Very nice and informative
LikeLiked by 1 person
Thank you dear ..your words motivate me to write even better,,
stay connected and stay happy..
LikeLike
Reblogged this on Retiredकलम and commented:
Life is like a mirror, SMILE at it
and it smiles back at you…
LikeLike