
मुझे आज बहुत दिनों के बाद अचानक विद्यार्थी जीवन, खास कर होस्टल के वो दिन याद आ गए |
क्या वो क्या दिन थे, | होस्टल में रहने का मेरे लिए पहला मौका मिला था | दोस्तों के साथ होस्टल में रहने का मजा ही कुछ और है |
बाकी तो सब कुछ पसंद था बस एक बात को छोड़ कर ,– वो था होस्टल का खाना |,
बात उन दिनों की, जब कॉलेज (college) में एडमिशन ( admission) के बाद, साथ ही साथ होस्टल अलॉट कर दिया गया था |
Ranchi Agriculture College का भव्य campus और होस्टल का building भी उतना ही शानदार |
आज कॉलेज का पहला दिन और नए नए दोस्तो के साथ अपने नए अलॉट हुए होस्टल रूम में बेड वगैरह ठीक करने के बाद , आने वाले मुसीबत (रैगिंग ) पर चर्चा के लिए एक छोटा सा get together मीटिंग चल रहा था |
इस तरह के माहौल का पहली बार अनुभव करने में बहुत मज़ा आ रहा था। काफी भाग दौड़ हो चुका था और रात के भोजन का टाइम हो चला था। सभी का भूख से बुरा हाल हो रहा था |
खाना का समय भी हो चला था और मैं अपने कुछ नए बने मित्र के साथ होस्टल के cafeteria में दाखिल हुआ | वाह, बहुत बड़ा डाइनिंग हॉल और डाइनिंग टेबल और कुर्सी से सुसज्जित था वह .|
यह देखकर मन खुश हो गया और खाने के लिए अपना अपना जगह ग्रहण कर लिया गया और भोजन परोसे जाने का इंतज़ार होने लगा।
थोड़ी इन्तेजार के बाद भोजन आ चुका था, और भोजन की सामग्री देखते ही हमलोग सकते में आ गए | यह क्या ? — …पनसोर दाल, बहते हुए झोल वाली आलू और गोभी की सब्ज़ी.., जिसे देखकर एक मित्र ने मजाक में कहा — ..अरे यार, , मैं सब्जी में आलू कैसे ढूंढ पाऊँगा ? , मुझे तो तैरना ही नही आता,। उसकी बातें सुन कर सभी लोग खिलखिला कर हँस पड़े |

माहौल कुछ हल्का हुआ ,तभी रोटी की टोकड़ी टेबल पर रखा गया, | देखा तो पाया कि हर एक रोटी अपनी विशेषता लिए हुए था,– कोई आधा पका तो कोई अधजला नज़र आ रहा था |
और कोई तो हाथ का पंजा छाप | खैर , मन ही मन सोचने लगा कि ऐसा ही खाना मिलेगा तो अपने सेहत की ऐसी तैसी होनी ही है |
तभी एक आईटम और परोसा गया जिसे देखकर बांछे खिल गई | लपक कर कौर उठाया और परवल का भुंजिया समझ कर का मुंह में झट से डाल लिया |
लेकिन अगले ही पल थू – थू कर मुंह के बाहर निकाल फेका | अरे, यह तो कुन्दरी का कसैला स्वाद वाला भुंजिया निकला, जिसे मै ने हमारा पसंदीदा परवल का भुजिया समझ कर अंदर डाला था |
उस दिन के बाद आज तक कुंदरी के सब्जी से दुश्मनी निभा रहा हूँ | खैर , भूख जोर की लगी थी, खाना जो मिला था उसी से अब पेट भरना था |
चुकिं यह एग्रीकल्चर कॉलेज था, तो हमारे बहुत से मित्र ग्रामीण परिवेश के थे | हमलोगों ने खाना खाना शुरू किया ,– मैं दो रोटी से ज्यादा नहीं खा सका | लेकिन और दोस्तों में खाने का कम्पटीशन चालू हो गया |
हमें आज भी याद है , मेरा एक दोस्त अनिल करीब बीस रोटी खा चूका था , और रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था |
इस तरह से खाना खाते देखकर मेस ( mess) का कांट्रेक्टर (contractor) हमलोगों के टेबल के सामने आकर कहने लगा .– . हम आप लोगों को इस तरह खाना नहीं खिला सकेंगे |
मतलब यह कि एक एक विद्यार्थी बीस पच्चीस रोटी खायगा तो ठीकेदार का तो बारह बजना निश्चित था |

उसका इतना कहना था कि हमलोगों के भीतर घटिया खाने का जो गुस्सा था वो फुट पड़ा | विद्यार्थी जब ग्रुप में होता है तो ज्यादा खतरनाक हो जाता है | ,
जी हाँ, हमें आज भी याद है कि हमारा एक मित्र अनिल, अपना खाना वाला प्लेट उठा कर उस कांट्रेक्टर के ऊपर दे मारा |,
पर अच्छा हुआ उसका सिर पर चोट लगने से बच गया | बस फिर क्या था… हंगामा होना लाज़मी था |
कैम्पस में यह बात फैल गई कि फर्स्ट ट्राइमेस्टर (trimester) वाला बैच बहुत ही खतरनाक है, जिसमे ज्यादातर लोग नवादा , बिहारशरीफ ओर जहानाबाद के है और , जिसे बिहार का दबंग जिला कहा जाता था |
खैर इससे हमलोगों को एक फायदा यह हुआ कि हमारा रैगिंग (ragging) लेने की हिम्मत कोई सीनियर नहीं कर सका ओर बिना रैगिंग को झेले वहाँ के बॉस बन गए |
हमलोग को शरीफ – बदमास की उपाधि से नवाजा गया |
आज भी वो दिन याद आता है तो बरबस चेहरे पर हँसी फैल जाती है, और लगता है विद्यार्थी जीवन का वो बिता हुआ पल सबसे सुनहरा पल था |
लेकिन कुन्दरी की भुजिया के साथ आज तक दुश्मनी निभा रहा हूँ | ( क्रमश 🙂

BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,
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Categories: मेरे संस्मरण
Good afternoon Vijay,
thank you for inviting me to join your blog. To my regret it is mostly written in Hindi – which I can’t read.
For your article which was written in English, I wanted to give you a like. Unfortunately my e-mail – address was not accepted. – So I feel sorry that I cannot join you. – Surely you will understande.
Sincerely
Gabi Froböse from Germany
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Ok dear, I also use to write in english..Such as ..Power of sub conscious mind.. Please comment on my new initiative..Good night..
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thank you dear, I am trying to write the articles in English also. please see , Generation Gap and power of subconscious mind . please help me to improve in the coming write up..
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Nice
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The richest wealth is wisdom,
The strongest weapon is patience,
The best security id faith.. And
the most effective tonic is Laughter…
May GOD bestow you with all of them..
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