एक नई शुरुआत


वर्ल्ड बैंक ने एक इन्सान की औसत आयु 78 वर्ष मानकर यह आकलन किया है जिसके अनुसार हमारे पास अपने लिए मात्र 9 वर्ष व 6 महीने ही होते है |

इस आकलन के अनुसार औसतन 29 वर्ष सोने में, 3-4 वर्ष शिक्षा में, 10-12 वर्ष रोजगार में, 9-10 वर्ष मनोरंजन में, 15-18 वर्ष­ अन्य रोजमरा के कामों में जैसे खाना पीना, यात्रा, नित्य कर्म, घर के काम इत्यादि में खर्च हो जाते है |

इस तरह हमारे पास अपने सपनों (Dreams) को पूरा करने व कुछ कर दिखाने के लिए मात्र 3500 दिन अथवा 84,000 घंटे ही होते है | इसलिए आइये अपनी बची हुई ज़िन्दगी को अपने ढंग से जियें और खुशियों का एहसास करें…

नए  वर्ष की ..नयी सुबह

नयी कलम और नयी डायरी

काश ! लिखूँ कुछ ऐसा कि

सबों के दिलों को छू जाऊँ

देखने वालों की.. नज़र बन जाऊँ

सच्चे इंसान की.. जुवां बन जाऊँ

लिखने वालों की ..कलम बन जाऊँ

दीपक की.. किरण बन जाऊँ

जीत की उमंग बन जाऊँ, और

नफरत की जंग.. प्यार से जीत जाऊँ

काश ! लिखूँ कुछ ऐसा कि

खुद ही एक कविता बन जाऊँ..

…………………….विजय वर्मा

BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,

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Categories: kavita

2 replies

  1. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    दुनिया मे सबसे कीमती गहना हमारा परिश्रम है ,
    और ज़िंदगी मे सबसे अच्छा साथी हमारा आत्मविश्वास ॥|

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