# ज़िंदगी के रंग #

यह कविता ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव, कठिनाइयों और उम्मीद के महत्व को खूबसूरती से बयां करती है। यह हमें सिखाती है कि हर चुनौती में एक सबक और हर पल में जीने की वजह छुपी होती है।

ज़िंदगी के रंग

ज़िंदगी के सफर में, हर पल नया होता है,
हर मोड़ पर एक नया तजुरबा छुपा होता है।
कभी धूप, कभी छांव, तो कभी होती है बरसात,
हर मौसम का अपना अंदाज़े बयां होता है।

ख्वाबों की चादर तले, चलते रहे हैं हम,
हर गिरावट से सीखकर बढ़ते रहे हैं हम।
चुनौतियां लाख आईं, पर हम मुसकुराते रहे,
हर मुश्किल से दो-चार होते रहे हैं हम।

राहें आसान नहीं, पर मन मेरा मजबूत है,
हर हार में छुपा मेरी जीत का सबूत है।
कभी खुद से हारना मत, मेरे दिल की पुकार है,
ज़िंदगी का हर पल, एक अनमोल उपहार है।

चलो हम अपने ग़मों को पीछे छोड़ते हैं,
उम्मीद की रोशनी में अब आगे बढ़ते हैं।
जो मिला, संजो लो, यह प्रकृति का प्यार है,
हंसकर जियो ज़िंदगी, यही जीवन का सार है।
(विजय वर्मा )



Categories: kavita

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