मर्डर की अजीब दास्तान -1

वैसे तो प्रेम कभी भी, कहीं भी, और किसी से भी हो सकता है, क्योंकि यह दिल का मामला है | प्रेम में पागल इंसान इस तरह प्रेम में डूब जाते है कि उसे मान – सम्मान और  अच्छा – बुरा का भी ख्याल मन में नहीं आता है |

कभी कभी तो प्रेम में पागलपन इस तरह सिर पर चढ़ कर बोलता है कि वह उसी का कत्ल कर देता है जिसके कारण  उसे समाज में इज्जत – प्रतिष्ठा और ऐशों -आराम की  ज़िंदगी जीने का मौका मिला है |

जी हाँ, आज एक ऐसी ही कत्ल की  कहानी प्रस्तुत है | कातिल जिसका कत्ल करता है, वह उसका इतना करीबी है कि एक बार तो इस पर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है |

सही कहा गया है कि  हर रिश्ते के साथ जुर्म हुआ है और हर रिश्ते ने कोई न कोई जुर्म किया है | आज के माहौल में कुछ भी नामुमकिन नहीं है |

प्रवीण तामरे   नाम एक युवक बलिया  के एक छोटे से गाँव से शहर आता है | अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद  कर एक प्रतिष्ठित और धनवान आदमी बनने के बड़े सपने लिए उस शहर की  खाक छनता है |  और बहुत जल्दी उसे कामयाबी भी मिल जाती है |

वह अपनी मेहनत और लगन से कुछ ही समय में एक सफल बिज़नस  मैन बन जाता है | लेकिन कहते है न कि और पैसा कमाने की चाह में इंसान खुद को मशीन बना लेता  है | वह बड़ा बिज़नस मैन बनने की चाह में अपने  बिज़नस को  सऊदी अरब तक फैला देता है | वहाँ वह   सुपर मार्केट का चेन खोलता है | अपने शहर बलिया में भी एक आलीशान होटल बनवाता  है |

इस बीच उसकी शादी एक सुंदर लड़की से हो जाती है | उसका नाम दीपिका  है , और जल्द ही उसका एक बेटा भी हो जाता है |

लेकिन अपने व्यवसाय के कारण  प्रवीण इंडिया में कम सऊदी अरब में ज्यादा रहता है | सब कुछ  ठीक ठाक चल रहा था , लेकिन कहते है न कि  सुख के साथ दुख का भी पहिया घूमता है | प्रवीण का बेटा जो करीब  दस साल का था, वह बराबर बीमार रहने लगता  है | बड़े से बड़े डॉक्टर को दिखाया गया लेकिन कोई खास फायदा नहीं हुआ |

प्रवीण तो खुद बिज़नस के सिलसिले में हमेशा व्यस्त रहता था | लेकिन पत्नी अपने इकलौते बेटे की बीमारी के कारण हमेशा परेशान रहती थी |

इसी बीच किसी ने उसे बनारस के एक पहुंचे हुए तांत्रिक,  निरंजन बाबा से मिलने  की सलाह दी | बाबा उस इलाके में काफी चर्चित थे  | इसलिए दीपिका अपने बेटे के स्वास्थ्य ठीक होने की  आशा में उस तांत्रिक से मिलने का फैसला करती है |

तांत्रिक बाबा अपने हिसाब से पुजा – पाठ और तंत्र विद्या से उस बच्चे का इलाज शुरू कर देता है | एक अच्छी बात हुई कि  कुछ ही दिनों के तांत्रिक बाबा के प्रयास से उसके बेटे की स्वास्थ्य में सुधार नज़र आने लगा |

दीपिका  तांत्रिक निरंजन बाबा से बहुत प्रभावित  हो गई और उसे समय – समय पर बहुत सारे महंगे तोहफा और पैसे देने लगी | तांत्रिक बाबा जो एक छोटी जगह में किसी तरह गुज़ारा करता था , अब उसे पैसों की कोई कमी नहीं रहती थी |

तांत्रिक जवान था और दीपिका  भी खूबसूरत थी, इसलिए बाबा का उसके प्रति आकर्षित होना कोई आश्चर्य की बात नहीं थी |

दीपिका जो साई बाबा की  बहुत बड़ी भक्त थी,  उसने तांत्रिक निरंजन से साई – दर्शन हेतु सिरडी चलने को कहा | निरंजन बाबा साथ चलने को तुरंत तैयार हो गया |

दीपिका और उसका बेटा नवनीत, तांत्रिक बाबा के साथ मुंबई आते है | लेकिन दीपिका अपने बेटे को, जो पूरी तरह स्वस्थ नहीं था,  मुंबई में एक रिश्तेदार के यहाँ छोड़ कर बाबा के साथ सिरडी पहुँचती है |

दीपिका  पुजा पाठ करने के बाद रात गुजरने के लिए एक  होटल में ठहरती है | लेकिन संयोग वश, तांत्रिक बाबा उस समय शराब पी लेता  है और नशे की हालत में दीपिका  से नाजायज संबंध स्थापित कर लेता है | लेकिन उस समय दीपिका  उसका विरोध नहीं करती है | फिर वे लोग वापस वाराणसी लौट आते है |

अब तो यह सिलसिला आगे भी  चलने लगा | लेकिन जल्द ही दीपिका  और उस तांत्रिक के सम्बन्धों की चर्चा दबे जुवान से होने लगती  लगी | दीपिका तो बाबा पर इतना मेहरबान थी कि उसने निरंजन बाबा को अपने गाँव बलिया के पास ही एक ज़मीन दिलवाती है, जहां वह एक शानदार आश्रम बनाता है | दरअसल,  आश्रम पुजा पाठ तो कम लेकिन इन दोनों के ऐश मौज के लिए ज्यादा उपयोग होता था |

लेकिन , यह बात ज्यादा दिनों तक  छुपी नहीं रह सकी और एक दिन उसके पति प्रवीण तामरे के कानों तक यह बात पहुँचती है | उसे सहसा इस बात पर विश्वास नहीं होता है | क्योंकि उसकी पत्नी को धन – दौलत और इज्जत प्रतिष्ठा सब कुछ मिला था | वह उसे किसी बात की कमी नहीं होने देता था | हाँ, अपनी व्यस्तता के कारण उसे वक़्त कम दे पाता था |

प्रवीण  गुस्से में सऊदी अरब से वापस आता है और दीपिका से इस बारे में सच्चाई जानना चाहता है |

लेकिन दीपिका  साफ मुकरते हुए कहती है – पहले इस बात कोई सबूत तो लाओ | इस तरह पति – पत्नी के रिश्ते में दरार आना स्वाभाविक ही था | लेकिन प्रवीण इतना बड़ा बिज़नस का साम्राज्य जो स्थापित कर लिया था , इस कारण वह घर पर ज्यादा नज़र नहीं रख सकता था | लेकिन उसने  मन ही मन इस रहस्य से पर्दा उठाने की ठान ली थी | वह इस काम के लिए एक प्राइवेट डिटैक्टिव की मदद लेता है |

इधर दीपिका  को इस नाजायज संबंध के भेद खुलने की चिंता सताने लगती है | उसके मन में तरह – तरह के विचार उत्पन्न होने लगता है | सबसे पहली बात तो यह कि यह ऐशों  आराम की  ज़िंदगी से कहीं उसका पति बेदखल न कर दे | ऐसी स्थिति में पता नहीं उसे  अपने बेटे को लेकर कहाँ – कहाँ भटकना पड़ेगा |   

फिर ख्याल आता कि कहीं गुस्से में प्रवीण उसकी हत्या न कर दे | अब वो बहुत चिंतित रहने लगी | उसका बेटा नवनीत भी अब बड़ा हो गया था और इस नाजायज रिश्ते से वाकिफ था | उसे भी ऐश मौज की ज़िंदगी पसंद थी इसलिए वो कभी भी विरोध नहीं करता था |

एक दिन दीपिका  इस समस्या को उस तांत्रिक से भी चर्चा की |  पूरी बात जानकार अब तांत्रिक भी परेशान हो उठा | वो किसी भी शर्त पर दीपिका से अलग नहीं होना चाहता था | और दीपिका  भी उससे नाजायज संबंध खत्म नहीं करना चाहती थी | प्रेम तो ऐसा ही होता है – अंधा और बहरा |

अब माँ,  बेटा और तांत्रिक तीनों  मिल कर इस समस्या से निजात पाने के उपाय सोचने लगते है (क्रमशः}

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3 replies

  1. Hamesha prem kahani me villain hota hai.Pravin Kya Kia dekhana padega.

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  2. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    Coming together is a beginning,
    Keeping together is progress and
    working together is success..

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