# हनुमान जी और अर्जुन की महाभारत #

Live as if you were to die tomorrow ,
Learn as if you were to live forever..

vermavkv's avatarRetiredकलम

दोस्तों,

पौराणिक मान्यता है कि पवन-पुत्र हनुमान अजर-अमर हैं। वे लंका युद्ध के समय अपने प्रभु श्रीराम की सेवा के लिए त्रेतायुग में उपस्थि​त थे । श्रीराम ने जब जल समाधि ली, तो हनुमान जी को यहीं पृथ्वी पर रुकने का आदेश दिया ।

तब से माना जाता है कि हनुमान जी पृथ्वी पर ही वास करते हैं। द्वापर युग में जब उनको पता चला था ​कि उनके ही प्रभु श्री कृष्ण अवतार में पृथ्वी पर दोबारा अवतरित हुए हैं, तो वे अत्यंत प्रसन्न हुए ।

कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण की इच्छा के अनुरुप बजरंगबली अर्जुन के रथ की ध्वजा पर विराजमान रहे। इससे जुड़ा एक प्रसंग आनंद रामायण में मिलता है, जिसमें हनुमान जी अर्जुन के घमंड को तोड़ते हैं।

महाभारत में बहुत सारे ऐसे प्रसंग है जो हमें शिक्षा देते है और जिसे अपना कर हम बेहतर ज़िन्दगी जी सकते है |…

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