जीवन में इतने व्यस्त रहो कि पछतावा, दुःख , डर और नफरत के लिए
समय ही ना बचे …याद रखें , जीवन में खाली व्यक्ति ही
सबसे ज्यादा दुखी रहता है …
स्वस्थ रहें…मस्त रहें…

इंसान सिर्फ जीवन के एक पहलू को देखता है और महत्व देता है | इंसान सिर्फ सुख चाहता है लेकिन दुःख के लिए तैयार नही रहता है | जीवन रुपी सिक्के के दुःख और सुख दो पहलू है | अगर जीवन में एक आएगा तो निश्चित ही दूसरा भी आएगा |
उसी तरह इंसान अपने जीवन में बिताये गए सुख और दुःख के पलों को संजोये रखता है और ज्यादातर हम दुःख के पलों को याद कर नकारत्मक विचारों से भरे रहते है जबकि ख़ुशी के पल वो बहुत ज़ल्दी भूल जाते है |
लेकिन हमें हर हाल में खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए | सकारात्मक सोच के साथ हम अपने जीवन को सुखमय बना सकते है |
ज़िन्दगी के छोटी छोटी खुशियों का जश्न मनाते चले और आनंद से जीवन व्यतीत करें, यही तो ज़िन्दगी है |
इन्ही सब भावनाओं को शब्दों की माला में पिरोने का प्रयास…
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