# ऐ  बीते हुए लम्हे #

यह सच है कि जो लम्हे बीत गए है, अब वह वापस कभी नहीं आएँगे। चाहे उन्हें कितनी भी शिद्द्त से पाना चाहते हो |

इसलिए जो भी करना चाहते हो, इसी पल में करो और इस वर्तमान पल को खुल कर जिओ |,

यह सच है कि आने  वाला कल क्या होगा, यह किसी को पता नहीं है | कल की फ़िक्र हम क्यूँ करे जब अपना अगले पल का भी पता नहीं है |

फिर मन के कोने से एक आवाज़ उठती है…ऐ बीते हुए लम्हों…

ए  बीते हुए लम्हे ..

मैं फिर से एक बार

तुम्हे जीना चाहता हूँ

जो पिलाया था अमृत  वो

फिर पीना चाहता हूँ

फटे समय को 

यादों के धागे से सीना चाहता हूँ ..

ऐ बीते हुए लम्हे ,

शायद नाराज़ हो तुम

कल भी थे

आज भी हो तुम,

मेरे लिए तो

ज़िन्दगी के साज हो तुम

ऐ बीते हुए लम्हे ,

जब भी चाहो मुझसे मिलोगे

अब न तुम मुझसे शिकवा करोगे

तुम ख्वाबो में हर पल जिंदा रहोगे …

( विजय वर्मा )

कैसी है ये ज़िन्दगी .. हेतु नीचे link पर click करे.

https://wp.me/pbyD2R-3Yh.

BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…

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Categories: kavita

11 replies

  1. “फटे समय को यादों के धागे से सीना चाहता हूँ”… waah kya likha hai 👏

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  2. अति सुंदर 👌👌

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  3. सुंदर और भावपूर्ण कविता।

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  4. Poem is nice. The video clip attached with poem indicates true love between the two.

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  5. ये सच है कि बीते हुए लम्हे-
    कभी वापस नहीं आते……!
    पर,उनकी यादें जरूर आती हैं।
    मीठी यादें खुशियां
    और तीखी-
    गम लेकर !
    कविता सराहनीय व भावपूर्ण है।
    :– मोहन”मधुर”

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  6. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    People change houses, relationships &friends,
    still, they are unhappy because they don’t change themselves..

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