# संघर्ष ही ज़िन्दगी है #..25

चूम लेता हूँ ,
हर मुश्किल को
मैं अपना मानकर ,
ज़िन्दगी कैसी भी है
आखिर है तो मेरी ही |

vermavkv's avatarRetiredकलम

Image Source: Google.com

आज शिवगंज शाखा में मेरा पहला दिन | मैं अपनी सीट पर बैठने वाला था कि चपरासी “कालू राम” दौड़ता हुआ मेरे पास आया और बोला आप इस सीट पर बैठने के पहले हमलोगों का मुँह मीठा तो करा दीजिये |

मैं उसकी बातों पर सहमती जताते हुए पॉकेट से एक सौ का नोट निकाल कर दिया और कहा …मेरी भी यही इच्छा है |

और फिर मैं ब्रांच के फाइलों में खो गया | थोड़ी देर के बाद ” मीणा जी” नज़र आये | वो मेरे पास आते ही कहा कि मेरा तो आज इस शाखा में अंतिम दिन है और तुम्हारा पहला |

 तुम तो मेरे अपने  हो, इसलिए तुम्हे बता दूँ  कि यहाँ किसानों को ऋण देना कठिन है ,क्योंकि तीन  सालों से इस इलाके में बारिस  नहीं हुई है |

और पुरे इलाके में अकाल की  स्थिति हो गई है | किसानों के…

View original post 1,552 more words



Categories: Uncategorized

Leave a comment