ये जो जिंदा दिली की रसूख हमने पाई है,
इतनी आली शख्सियत यूँ ही नहीं आई है
कई मर्तबा टूटे है कई मर्तबा लुटे है हम
कई दफा हमने हम होने की कीमत चुकी है ..

मैं सभी दोस्तों का शुक्रगुजार हूँ कि हमारे इस ब्लॉग की “प्रेम कहानी” आप लोगों को पसंद आ रही है ..जैसा कि आप सब लोगों की प्रतिक्रिया से पता चलता है |
कुछ मित्रों ने तो कमेंट में कहा है कि अभी यह कहानी आगे भी जारी रहनी चाहिए | ..
लेकिन यह तो हमारे वश में नहीं है ..फिर भी कोशिश जारी है कि इमानदारी से अपनी इस कहानी को रख सकूँ | मैं आशा करता हूँ कि इस लम्बी lockdown से परेशान ज़िन्दगी में आपके चेहरे पर थोड़ी मुस्कान लाने में सफल हो पाया हूँ |
पिछली बातों का सिलसिला जारी रखते हुए, आगे की एक और कड़ी –..
आज की सुबह मैं कुछ अजीब महसूस कर रहा था | हालाँकि आज जल्दी ही सुबह नींद खुल गई थी लेकिन सिर भारी लग रहा था |
शायद रात में नींद ठीक से नहीं आने के कारण ऐसा हो…
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