Wealth is not a permanent friend,
but friends are permanent wealth..

आज की सुबह अनकही अनजानी सी कहानी कह गई |
मेरी किस्मत न जाने अब कौन सी कहानी लिख गई |
आज की सुबह ने मुझे महसूस कराया कि..
मैं कौन हूँ और क्या हूँ..
मेरे वजूद से मुझे मिलाकर ,
न जाने खुद कहाँ खो गई..||
नए मकान की चाभी पाकर मैं बहुत खुश था , और मैनेज़र साहेब की मोटर साइकिल पर इठलाते हुए बैठा | मुझे पहली बार महसूस हुआ कि सच्ची ख़ुशी कैसी होती है |
ख़ुशी ऐसी जैसे कि फाँसी के दिन किसी कैदी को अचानक आज़ादी मिल गयी हो | मैं ब्रांच की ओर रवाना होते हुए रास्ते भर मेनेजर साहेब को धन्यवाद करता रहा |

रास्ते में एक चाय की दूकान दिखी तो मैं साहेब से चाय के लिए निवेदन करने लगा | वो गाड़ी चलाते हुए ही बोले ..इतनी छोटी पार्टी से काम नहीं चलने वाला है |
मैंने तुरंत उनको आश्वस्त…
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Categories: मेरे संस्मरण
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