अच्छी भूमिका , अच्छे लक्ष्य, और अच्छे विचारों वाले लोगों को ,
हमेशा याद किया जाता है …मन में भी …शब्दों में भी और जीवन में भी |

क्या कभी लौट पाओगे तुम,
हर दिन तुम्हारा इंतेज़ार करता हूँ
कि तुम लौट आओगे
मगर जानता हूँ कि
लौटना आसान नहीं है तुम्हारे लिये
मैं हर दिन इक कोशिश करता हूँ
घडी की समय को पीछे कर जाऊँ
एक एहसास जो तुम्हे फिर पा जाऊँ..
घर के बाहर हल्ला – हंगामा की आवाज़ सुन कर मेरी नींद खुल गयी | हालाँकि सुबह के आठ बज रहे थे और धुप भी चढ़ चुकी थी |
मैं हडबडाते हुए बिस्तर से उठा और झोपडी से बाहर निकल कर देखा तो सामने चाय की दुकान पर भीड़ लगी हुई थी और चाय पीने वालों के हाथ में समाचार पत्र था |
मैं जिज्ञासा वश उनके पास जाकर हंगामा का कारण जानना चाहा |
अरे विनोद जी ,किस बात का हंगामा हो रहा है भाई …मैंने उत्सुकता से पूछा |
आप को पता नहीं है राजू भाई ? …जो चाइना वाली बीमारी “करोना”…
View original post 1,575 more words
Categories: Uncategorized
Leave a comment