हृदय से जो दिया जा सकता है वो हाथ से नहीं …
और मौन से जो कहा जा सकता है वो शब्द से नहीं |

संदीप आज बहुत खुश था | ,अपनी ड्यूटी आने से पहले अपने रूम में रखे भगवान् के फोटो के सामने खड़े होकर प्रणाम किया और मन ही मन भगवान् से कहा …हे प्रभु, आज मेरी नौकरी के पुरे एक महीना हो चुके है और मुझे यहाँ सभी लोगों का सहयोग मिल रहा है |
बस, अब मेरी राधिका वाली समस्या का समाधान निकालो प्रभु | आप को कोटि कोटि नमन |
कंपनी द्वारा दिए हुए एक रूम में ही सभी सामान सलीके से सजा कर रखा था और खाने पीने की भी अच्छी सुविधा थी |
एक महिना का समय कैसे बीत गया, पता ही नहीं चला | अब तो बस कुछ दिनों की ही बात है जब मैं घर जाकर राधिका को अपनी नौकरी का सरप्राइज (surprise) दूँगा |
सचमुच राधिका तो ख़ुशी से पागल होकर गले लग जाएगी, क्योकि अब अपनी ज़िन्दगी की शुरुवात यही से करनी है…
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