
दोस्तों ,
आज विश्व पर्यावरण दिवस है | हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना है । .
विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम
विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम है पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली (Ecosystem Restoration)’
जंगलों को नया जीवन देकर, पेड़ – पौधे लगाकर, बारिश के पानी को संरक्षित करके और तालाबों के निर्माण करने से हम पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से स्थापित (Restore ) कर सकते हैं |
इसके आलावा नदियों और तालाबों की सफाई कर पानी के प्रदुषण को कम करना है |
विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास
विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम से हुई थी.|
इसी दिन यहां पर दुनिया का पहला पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जिसमें भारत की ओर से तात्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भाग लिया था |
लेकिन आज हकीकत क्या है यह किसी से छिपी नहीं है । एक तरफ तो पर्यावरण को बचाने की बात करते है और दूसरी ओर आधुनिकता की दौड़ में भाग रहे प्रत्येक देश के द्वारा इस धरती पर हर दिन प्रदूषण काफी तेजी से फैलाया जा रहा है |,
जिसके दुष्परिणाम समय-समय पर हमें प्राकृतिक आपदा के रूप में देखने को मिल रही है |

पर्यावरण में अचानक प्रदूषण का स्तर बढ़ने से तापमान में भी तेजी देखी जा रही है और कहीं कहीं पर प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर के कारण लंबे समय से बारिश भी नहीं हो पाती, और कहीं बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो रही है |
प्रदूषण के बढ़ते स्तर से इंसानों के लिए तो खतरा बढ़ ही रहा है , लेकिन साथ ही इसके कारण कई जीव-जन्तू भी विलुप्त हो रहे हैं.|
वहीं इंसान कई प्रकार की गंभीर बिमारियों का शिकार भी हो रहे हैं |
ऐसे में लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है |
यह सत्य है कि पर्यावरण हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है, क्योंकि पर्यावरण से ही पृथ्वी पर हमारा जीवन निर्भर है |
हम तो पर्यावरण बचाने की बातें तो बड़ी बड़ी करते है लेकिन हकीकत यही है कि पिछले कई दशकों से सिर्फ पर्यावरण को क्षति ही पहुँचाने का काम करते आ रहे हैं।
सच पूछ जाये तो पर्यावरण भी हमारे घर के सामान ही है जहाँ से हम हवा, पानी और खाद्य पदार्थ लेते है |
जिस तरह अपने घर को समय समय पर सफाई करते हैं, उसकी मरम्मत करते है ताकि रहने लायक बना रहे | वहीँ दूसरी ओर सारे जीव – जंतु और मनुष्य के लिए यह प्रकृति ही अप्रत्यक्ष घर है | जिसकी देख भाल करने की बजाये अपने निहित स्वार्थों के लिए नष्ट और प्रदूषित कर रहे है |
आज अंधाधुंध , पेड़ पौधे कटते जा रहे है , जंगल के जंगल समाप्त हो रहे है | नदियों में उद्योग का कचरा बहाने से वह प्रदूषित हो रहा है और उसमे रहने वाले जिव जंतु और पौधे भी समाप्त हो रहे है | इससे पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित हो रहा है |

इसके भयावह परिणाम हमारे सामने देखने को मिल रहे है | आज हम घर के अन्दर बंद है क्योंकि हम बाहर के घर यानी पर्यावरण को इतना दूषित कर दिया है कि कोई भी रोग या वायरस महामारी का रूप ले रहा है |
वायु प्रदूषण और कोरोना इसका सटीक उदहारण है | कोरोना जैसी घातक वैश्विक महामारी के लिए उपयुक्त वातावरण बनाकर हम इंसानों ने ही तो दिया है और इस बिमारी को लेकर हम असहाय नज़र आ रहे है |
हमने आज तक सिर्फ ऊँचे ऊँचे भवन खड़े कर लिए हैं, बड़े-बड़े कारखाने स्थापित कर लियें हैं और विज्ञान की अत्याधुनिक खोजें कर ली हैं | लेकिन इस सब के कारण अपने स्वास्थ और सुन्दर पर्यावरण को हमने बहुत हानि पहुंचाई है |
आज हमें तो ऐसा लगता है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए अब किसी आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि आज हर व्यक्ति और पूरी दुनिया पर्यावरण प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव को अच्छी तरह महसूस कर रहा है।
अब भी समय है हमें चेतने की .और सभी व्यक्तियों के द्वारा सामूहिक प्रयास करने की | यह काम सिर्फ कूछ चंद पर्यावरणविद् व संस्थाओ का ही नहीं है अपितु पर्यावरण संरक्षण तो हम सबों की नैतिक जिम्मेदारी है | बस हमें अपनी मानसिकता को बदलने की ज़रुरत है |
यह भी सही है कि पछतावा अतीत नहीं बदल सकता और सिर्फ चिंता करने से भविष्य को संवारा नहीं जा सकता | इसके लिए ज़रुरत है दिल से प्रयास करने की … चिंतन करने की |

आइये आज हम प्रण करें कि आने वाले अपने पीढ़ी (Generation ) के लिए अपने प्रयास से एक स्वस्छ पर्यावरण देंगे | ..वो प्रयास आज से ही शुरू करे ..अपने अपने घरों के आस – पास एक पौधा लगा कर | इसके अलावा भी हम प्रण करते है कि …
- प्लास्टिक बैग का उपयोग पूर्णतः बंद करेंगे,
- अपने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाऐंगे,
- जीवनदायिनी नदियों में कचरा नहीं ड़ालेगें, उसकी सफाई करेंगे
- फसल कटने के बाद उसके अवशेष में आग नहीं लगाएंगे,
- वनाग्नि से वनों को बचाऐगें,
- प्राकृतिक जलस्रोतों के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास करेगें,
- बारिश के पानी को संरक्षित कर जलसंकट से निजात पाएंगे ,
- खेतों में रासायनिक खादों का उपयोग कम करेंगे ,उसकी जगह गोबरखाद, और कम्पोस्ट का उपयोग करेगें |,
- कार्बक उत्सर्जन. को कंट्रोल करेंगे, इस पर सभी देश समय समय पर बैठक करते है.
- घर के और बाहर में कचरे को उचित कूड़ेदान में ड़ालेगें।
इस तरह हम हर वह मुमकिन कोशिश करेंगे जिससे हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद हो सके ।
All pic source: Google.com
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बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
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बहुत बहुत धन्यवाद |
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Thanks for visiting and liking my blog wish you well
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All the Best..
Stay connected and Stay happy..
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