# एक अधूरी प्रेम कहानी #..19

मिलो कभी चाय पर फिर किस्से बुनेंगे ,
तुम ख़ामोशी से कहना , हम चुपके से सुनेंगे..
आज लफ़्ज़ों को मैंने शाम की चाय पे बुलाया है ,
बन गयी बात अगर .. फिर ग़ज़ल भी कहेंगे..
Be happy….Be healthy….Be alive.

vermavkv's avatarRetiredकलम

अब क्या होगा

सुमन पलट कर देखी तो पहचान ही नहीं पायी | वह आश्चर्य से रघु की ओर देख कर बोली ….अरे रघु , तुम हो ?… तुम तो बिलकुल ही पहचान में नहीं आ रहे हो |   लेकिन आज यह मुस्लिम वाला गेट – अप क्यों किया है ?

मेरा गेट- अप ठीक नहीं लगा क्या ? रघु सुमन की ओर देखते हुए बोला |

नहीं- नहीं, ऐसी बात नहीं है , तुम तो बिलकुल पठान लग रहे हो..|

देखो सुमन, हमने “धारावी” में सर्वे के दौरान पाया कि वहाँ मुस्लिम जन समूह ज्यादा है और अगर उनके ज़रूरत के हिसाब से अपने गारमेंट डिजाईन किये जाएँ तो सफलता मिलने की गारंटी है | लेकिन इसके लिए सही ढंग से प्रचार –प्रसार किया जाना चाहिए |

उसी बात को ध्यान में रख कर काफी मेहनत कर यह गेट अप बनाया है | इसका फोटो शूट होने दो…

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2 replies

  1. Thank you very much..
    Stay connected and stay blessed..

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