बक्श देता है खुदा उनको , जिनकी किस्मत ख़राब होती है ..
वो हरगिज़ नहीं बक्शे जाते, जिनकी नियत ख़राब होती है …

ज़िन्दगी की तलाश
यह कैसे हो गया ?….मेरी आँखों के नीचे घाव को देख कर सुमन चिंतित हो कर पूछ बैठी |
बस छोटी सी घाव है, ठीक हो जाएगा …मैं हँसते हुए ज़बाब दिया |
मैं कुछ बोलता ,उससे पहले ही वो हाथ पकड़ कर अपने चैम्बर में ले गई और वहाँ रखे “फर्स्ट ऐड बॉक्स” से दवा निकाल कर खुद से ही लगाने लगी ….. तब उसे पता चला कि घाव तो गहरा था और मुश्किल से आँख बच गया था,
वो दवा लगाते हुए रोने लगी. …उसके आँख से आँसू निकलने लगे |
मैं कुछ समझा नहीं और हड्बडा कर पूछ बैठा …तुम रो क्यों रही हो ?
तुम बेतुकी हरक्कत क्यों करते हो, अगर तुम्हे कुछ हो जाता तो ?
अरे सुमन, तुम इत्मीनान रखो, भगवान् इतना निर्दयी नहीं है ..
वो तो तुम्हे परेशान करने के लिए ही मुझे धरती पर भेजा है |
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