जीवन है तो बुरे दिन भी आयेंगे …पर,
भरोसा है, ये दिन भी निकल जाएंगे …
आप स्वस्थ रहें….खुश रहें …मस्त रहे…

दर्द …जब आँखों से निकला ,
तो सब ने कहा…”कायर” है ये..
दर्द ….जब लब्जो से निकला,
तो सब ने कहा….”शायर” है ये..
दर्द…. जब मुस्कुरा के निकला,
तो सब ने कहा….”लायर” है ये …
तुम मेरे हो
रघु अपने जीवन की नई शुरुआत करने जा रहा था, जी हाँ, आज फैक्ट्री के काम का पहला दिन और मुंबई आने के बाद पहली बार काम पर जा रहा था |
मन बिलकुल प्रसन्न लग रहा था, क्योकि वहाँ सुमन से भी मुलाकात होनी थी | खूब अच्छी तरह तैयार होकर तो जाना ही पड़ेगा, कोई “ईट – भट्टा” का काम है क्या ?
वो तो फैक्ट्री है …. वो मैनेजर कितना शूट- बूट में रहता है | मुझे भी वहाँ सलीके से रहना होगा … मैं मन ही मन सोच रहा था |
फैक्ट्री पहुँचते ही मुझे ध्यान आया कि सबसे पहले मैनेजर साहेब से मिलना…
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