फूलों की कहानी बहारों ने लिखी,
रातों की कहानी सितारों ने लिखी
हम नहीं है किसी के गुलाम …क्योंकि,
हमारी कहानी उपर वाले ने लिखी…

वफ़ा की तलाश… करते रहे हम
शहर दर शहर.. भटकते रहे हम
नहीं मिला दिल से चाहने वाला
बेवफाई में अकेले.. मरते रहे हम
वफा की तलाश
मैं हॉस्पिटल के बेड पर आँखे बंद किये मन ही मन सोच रहा था कि अगर सुमन समय पर घटनास्थल पर नहीं पहुँचती और तुरंत हॉस्पिटल नहीं लाती तो शायद मैं बच भी नहीं पाता | इसे भगवान् की कृपा कहें या संयोग मात्र कि सुमन उस समय मुझे मिल गई |
डॉक्टर साहब भी कह रहे थे कि सुमन दो दिनों तक मेरे कारण काफी परेशान रही और बहुत सेवा की | मुझे होश आने के बाद ही अपनी ड्यूटी ज्वाइन की थी | यह मेरे प्रति उसका अपनापन है जो उसने अपने दम पर सारा इंतज़ाम किया और मुझे मौत के मुँह से निकाल लाई |
लेकिन मेरे दिमाग में अब भी एक प्रश्न बार बार आ रहा था कि…
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Very nice
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