थाम के रख उम्मीद का दामन ,
तो हर वक़्त तेरा है ,
जहाँ मन से हार नहीं,
वहीँ नया सवेरा है….

एक मजदूर की प्रेम कथा
यह सच है कि पेट की आग के सामने दुसरे सभी आग ठंडा पड़ जाता है | लेकिन मेरे लिए तो पेट की आग के आलावा भी दिल की आग लगी हुई थी जिसके कारण मुंबई की ओर खीचा चला आ रहा था |
मैं तो हर पल सुमन को याद करता और भगवान् से हाथ जोड़ कर इस बात की माफ़ी मांगता कि सुमन को उसके हाल पर छोड़ कर गाँव चला आया था |
लेकिन आज तीन माह के बाद मौका मिला था और मुंबई के लिए निकल पड़ा था दोस्तों के साथ |
हालाँकि ईट भट्टा का काम तो बंद ही था, लेकिन विकास का फैक्ट्री चालू हो गया था | उसका मालिक ज्यादा मजदूरी देने का लालच देकर उसे बुलाया था | इसलिए हमको भी आशा थी कि उस फैक्ट्री में कुछ काम मिल ही जायेगा |
इसी…
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