ज़िन्दगी तेरी अजब कहानी —4

vermavkv's avatarRetiredकलम

अंजना इन दिनों बहुत खुश रहने लगी थी , क्योकि उसकी मन की मुराद पूरी होने जा रही थी | सचमुच जैसा वह चाह रही थी सब कुछ वैसा ही हो रहा था |

आज एक सप्ताह के बाद, पहले से तय किये हुए कार्यक्रम के अनुसार विजय के माता पिता कुंडली लेकर अंजना के घर आ गए थे | इधर चाची ने भी अपनी पूरी तैयारी कर रखी थी और उसी पंडित को बुलवा लिया था, जिसके साथ षड़यंत्र रच रखा था |

चाय पानी के बीच लड़का और लड़की की कुंडली पंडित जी को सुपुर्द कर दिया गया |

पंडित जी अपनी पोथी खोलकर कुंडली मिलाने का नाटक करने लगे और फिर अचानक चिंतित मुद्रा बनाते हुए बोल पड़े …..मुझे क्षमा करें जजमान …कुंडली के अनुसार शादी का योग नहीं बन रहा है … क्योकि लड़की तो मांगलिक है |

फिर थोड़ी देर रुक कर बोले …अगर शादी…

View original post 1,172 more words



Categories: Uncategorized

Leave a comment