यह कैसी आजादी है

देश की आज़ादी एवं इसकी रक्षा के लिए शहीद होने वाले एवं अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों, राष्ट्र निर्माताओं एवं वीर सैनिको को शत शत नमन एवं आप सब बन्धुओं को ढेर सारी शुभकामनायें /

हम आजादी का जश्न मनाये

अपने  घर  को  स्वर्ग  बनाये

बाहर   तो  फैला  अंधियारा

क्यों  नही कोई  दीप जलाये

न्याय   तंत्र  बना है  बहरा

सूरज की  किरणों पर पहरा

दुखो   से  घिरी  आबादी है

यारो यह कैसी आजादी है।

सचमुच भैया रामराज्य है

मनमर्जी  का  साम्राज्य है

देश का दौलत लूटने वाले

देखो सर पे सजा ताज है

लोकतंत्र  के  ये  रखवाले

उजड़े बिखरे चमन ये सारे

चोरों  के  तन  पे  खादी है

यारो यह कैसी आजादी है।

बात – बात  पे  दंगे  होते

जाती  धर्म  के  पंगे होते

पलक झपकते कुचले जाते

जैसे   कीट   पतंगे  होते

जाने अब ये प्यार की भाषा

सत्य अहिंसा की परिभाषा

समझ  नहीं  क्यों आती है

यारों यह कैसी आजादी है।

देश भक्तों ने लहू बहाया

मॉ ओ ने  सिन्दूर लुटाया

लहराया अपना ये तिरंगा

हम सबने आजादी पाया

करना है अब लाख जतन

आजादी  अनमोल  रतन

अब रोकना  हमे बर्बादी है

यारो यह कैसी आजादी है।

किशोरी रमण

दैनिक आज ,पटना में 15 अगस्त 1999 को प्रकाशित।

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4 replies

  1. Thank you very much..stay connected and stay happy,,

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  2. True👍🏼

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