# फिसलती ज़िन्दगी #

ज़िन्दगी तब कठिन हो जाती है जब हम समस्याओं से घिर जाते है और सब कुछ हमारी इच्छा के विरूद्ध होता जाता है |

हम जीवन में तभी ऊँचा उठ सकते है ,जब स्वयं पर भरोसा हो जाए कि मैं शक्ति सम्पन्न हूँ तब हम हर चुनौती को स्वीकार करते है | हिम्मत हारना बुजदिली है और ज़िन्दगी को जीना एक कला है

फिसलती ज़िन्दगी

कितनी ही बातें होनी थी मेरी ज़िंदगी में, पर नही हुई,

और जो नही होनी चाहिए थी ..वो सब ही हो गई /

जिसको करीब आना था, वो मुझसे से दूर हो गई ,

और जो मुझे मिली वही.. मेरी मुकद्दर बन गई  

ना तेरी समझ में आई.. और  ना बच्चो को आई  

परवरिश में कमी .. कोई कारण  समझ ना आई

मुझमे आनंद, और सफलता को करीब आना था, पर नही आई

चिंता,  अफसोस, आक्रोश , नकारात्मक विचार घर कर गई

सच्चाई, ख़ुशी और  उत्साह की नीव डालनी थी. पर नहीं हुई

मुस्कराहट, उत्साह  और इच्छाओं की हवन हो गई

एक अच्छा इंसान बनना था.. पर वो भी नहीं हुई

दुनिया को खुश करने की गलती, मुझसे हर बार हो गई

सवाल बहुत आसान था.. पर जवाब  जटिल हो गई

 गलती करना आसान था.. पर सुधार कठिन हो गई

…………………….विजय वर्मा

BE HAPPY… BE ACTIVE… BE FOCUSED… BE ALIVE

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Categories: kavita

3 replies

  1. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    ख़ुशी उनको नहीं मिलती जो अपनी शर्तों पर ज़िन्दगी जिया करते है |
    असली ल्हुशी तो उनको मिलती है, जो दूसरों की ख़ुशी के लिए ,
    अपनी शर्तों को बदल दिया करते है ||

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