
डॉक्टर साहब ने राजीव की पत्नी आराधना को साफ़ साफ़ शब्दों में बताया कि राजीव अब कुछ दिनों का मेहमान है और इसे दवा से ज्यादा दुआ की ज़रुरत है |
इनकी बीमारी कैंसर के लास्ट स्टेज में पहुँच चूका है | अब इस स्टेज में कुछ नहीं किया जा सकता है | आप भगवान् से दुआ कीजिये कि कुछ दिन और जी लें |
हमारी समझ से राजीव अब केवल तीन –चार महीनो के मेहमान है | इन्हें कोई ऐसी जगह ले जाइये जहाँ इन्हें शांति महसूस हो और जितना दिन जिएं इन्हें खुश रखने की कोशिश करें |
डॉक्टर की बातों को सुनकर आराधना को चक्कर आ गया और वह पास में पड़े कुर्सी पर बैठ गई |
अपनी आँखों को बंद किये आगे की ज़िन्दगी के बारे में सोचने लगी | उसे समझ में नहीं आ रहा था कि राजीव के बिना अब उसका और उसके एक साल के बच्चे के भविष्य का क्या होगा और ज़िन्दगी का गुजर- बसर कैसे चलेगा ?
तभी उसे रश्मि की याद आई और उससे उचित सलाह लेने की सूझी | उसने रश्मि को फ़ोन लगा दिया और संयोग से फ़ोन लग गया |
कैसी हो आराधना ? …रश्मि फ़ोन उठा कर पूछी |
आराधना के मुँह से कोई आवाज़ नहीं निकल पा रहा था | वह ज़बाब देने के बजाए फ़ोन पर ही रोने लगी |..,
घबरा कर रश्मि ने पूछा … क्या बात है अराधना, तू रो क्यों रही है ? वहाँ सब खैरियत तो है ना ?
यहाँ कुछ भी ठीक नहीं है रश्मि …. , बड़ी मुश्किल से आराधना बोल सकी |
क्यों क्या हुआ ? …रश्मि उत्सुकता से पूछी |
आराधना ने रोते हुए बताया …. राजीव को कैंसर है, जिसे राजीव बहुत दिनों से छुपा रखा था | अब मुझे पता चला जब स्थिति काफी बिगड़ गई | यहाँ के डॉ ने तो ज़बाब दे दिया है |
उसकी बातों को सुनकर रश्मि घबरा गई और वह राजीव की मनःस्थिति को महसूस कर रही थी |
तभी उसे अनामिका की याद आयी और रश्मि ने तुरंत आराधना से कहा …तुम अनामिका से इस विषय में बात करो | वह खुद भी एक अच्छी डॉक्टर है और उसका अपना हॉस्पिटल भी है |
वह राजीव का ट्रीटमेंट करने में सक्षम है |

आराधना तो आज तक अनामिका को अपना सौतन ही मानती रही है ….क्योकि उसे लगता था कि राजीव अभी भी अनामिका को चाहता है और उसी के कारण उसे पत्नी के रूप में राजीव दिल से स्वीकार नहीं करता है |
राजीव में जो ज़िन्दगी के प्रति उदासीनता और उसके प्रति जो उपेक्षा का भाव है उसकी जिम्मेदार अनामिका ही है …आराधना ऐसा सोचती थी |
लेकिन अब उस सब बातों का समय नहीं है | यह सोच कर आराधना ने अनामिका को फ़ोन लगा दी |
पहले तो अनामिका ने अपरिचित नंबर देख कर फ़ोन काट दिया , लेकिन तभी उसी नम्बर से दुबारा फ़ोन आ गया | अतः ना चाहते हुए भी अनामिका ने अनमने ढंग से फ़ोन उठा लिया |
उधर से आवाज़ सुनाई पड़ी…..मैं राजीव की पत्नी आराधना बोल रही हूँ | आप से एक आवश्यक बात करनी है |
ज्योही उसके कानो में सुनाई पड़ा कि वह राजीव की पत्नी आराधना बोल रही है …अनामिका को बड़ा आश्चर्य हुआ, क्योकि उससे इतने दिनों में आज तक कभी भी फ़ोन किया नहीं था |
आज भला क्या बात हो गई, जो वह बात करना चाह रही है |
अनामिका ने अपने को शांत किया और फिर बोली… .हाँ आराधना बोलो, क्या कहना चाहती हो ?
तब आराधना ने बताया कि राजीव की हालत बहुत ख़राब है और डॉ के अनुसार वह अब कुछ दिनों का ही मेहमान है | इतना कह कर वह फ़ोन पर ही रोने लगी |…
राजीव की बीमारी के बारे में सुन कर अनामिका का दिमाग कुछ समय के लिए शुन्य हो गया और उसने मन ही मन कहा …. हे भगवान् …ये तूने क्या किया | वह तो बिलकुल निर्दोष है, फिर उसे ऐसी क्रूर सजा क्यों ?
फिर अपने को सँभालते हुए आराधना से कहा … क्या तुम मेरी बात राजीव से करा सकती हो |
ठीक है ..करवाती हूँ | ऐसा कह कर वह दुसरे कमरे में गई जहाँ राजीव बिस्तर पर लेटा ऊपर चल रहे पंखे को देख रहा था …जो बिजली के चले जाने के बाद भी चल रहा था लेकिन धीरे धीरे अपनी गति को खो रहा था |
आराधना ने राजीव से कहा ….अनामिका आप से बात करना चाहती है | इतना कह कर उसने फ़ोन को राजीव की तरफ बढाया |

राजीव फ़ोन उठा कर कहा ….तुम कैसी हो अनामिका ?
मैं ठीक हूँ राजीव, लेकिन मैं ये क्या सुन रही हूँ …अनामिका ने राजीव से पूछा |
तुमने ठीक ही सुना है अनामिका | मुझे डॉक्टर ने कैंसर डिटेक्ट किया है | चलो अच्छा हुआ… भगवान् ने मुझे किये की सजा दे दी है |
ऐसा मत कहो राजीव , अनामिका के आखों से अचानक झर झर आंसूं बहने लगे और उसकी सिसकियों को राजीव के फ़ोन पर सुनाई पड़ रहे थे |
तुम मेरे लिए दुखी मत हो अनामिका , मेरे किये की यही सजा है | मैं कुछ दिनों में इस दुनिया को अलविदा कह दूंगा, लेकिन उससे पहले मैं तुमसे माफ़ी मांगता हूँ |
और हाँ, मैंने सुना है तुमने ऊँचा मुकाम हासिल किया है | आज अनामिका को इलाके के सारे लोग ना केवल उसे एक अच्छे डॉ के रूप में जानते है ..बल्कि एक सच्चे इंसान और गरीबो और अनाथों के मसीहा के रूप में जानते है |
तुम मुझसे बहुत आगे निकल गई अनामिका … इसके लिए बहुत बहुत बधाई …आज मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं तुमसे और ज़िन्दगी से हार अवश्य गया हूँ पर इसी हार में मैं अपने जीत की ख़ुशी महसूस कर रहा हूँ |
तुम सदा खुश रहो , भगवान् तुम्हारा भला करे ..,राजीव कांपते आवाज़ में बोल रहा था | उसके बाद फ़ोन से आवाज़ आना बंद हो गया मानो राजीव ने फ़ोन काट दिया हो |
कुछ देर के इंतज़ार के बाद अनामिका दोबारा फ़ोन लगाई और इस बार आराधना ने फ़ोन उठाया |
आराधना के फ़ोन उठाते ही वह बोली …आराधना , तुम हिम्मत से काम लो. मैं तुमलोगों को यहाँ लाने का इंतज़ाम कर रही हूँ |
मैं उसका ट्रीटमेंट करुँगी और मुझे भरोसा है कि भगवान् हमारी मदद ज़रूर करेंगे और वह पहले की तरह स्वस्थ हो जायेगा |
अनामिका हड़बड़ी में मुंबई के लिए आवश्यक तैयारियां की और दुसरे दिन ही फ्लाइट से मुंबई के लिए रवाना हो गई |
मुंबई एअरपोर्ट पहुँच कर आराधना से फ़ोन पर घर का लोकेशन पूछी और टैक्सी लेकर तुरंत रवाना हो गई |

अनामिका घर जैसे ही पहुँची आराधना उसे देख कर दहाड़ मार कर रोने लगी |
उसने आराधना को ढाढस देते हुए पूछी…..कहाँ है राजीव ?.
ज़बाब में उसने हांथो से कमरे की तरफ इशारा किया |
अनामिका तेज़ कदमो से चलते हुए उस कमरे में पहुँचते ही बोली…..राजीव, मैं आ गई हूँ |
लेकिन उधर से कोई जबाब ना पाकर अनामिका चौक पड़ी | नजदीक जाकर देखा ..तो पाया कि उसकी आँखे खुली हुई है और वह शुन्य में घुर रहा है | …
राजीव के शरीर में कोई भी हलचल नहीं है .|..
ध्यान से देखा तो पाया कि उसके प्राण पखेरू उड़ चुके है, लेकिन आँखे किसी के इंतज़ार में खुली हुई है…. मनो वह कह रहा हो कि मुझे तुम्हारा ही इंतज़ार था .. ..शायद.. आने में देर हो गई |
हाल अपने दिल का सुना नही सकते
उस शख्स को हम भुला नही सकते
तमाम उम्र इंतजार किया जिसका
वो सामने है पर उसे अपना नही सकते..
दोस्तों, और इसके बाद की कहानी छोटी है | ..अनामिका मुंबई से आराधना और उसके बच्चे को लेकर वापस अपने गाँव आ गई और उसके बच्चे को दोनों ने मिल कर पाल पोश कर एक बड़ा इंजिनियर बना दिया |
और उस इंजिनियर ने इस गाँव में ही एक इंडस्ट्री लगाया …जिससे गाँव के लोगो को रोज़गार मिल सके और गाँव का विकास हो सके …|| (समाप्ति )

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ज़िन्दगी तेरी अज़ब कहानी .. 1
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Categories: story
Very nice story
Contemporary yet convincing.
Waiting for new one
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Thank you dear .This is is emotional story with twist and turn in life.
I am happy that you enjoy this story . your words encourage me to write better..
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कहानी बहुत ही सुंदर व सच्चे प्यार को दर्शाती हुई 👌🏼👏👏😊
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बहुत बहुत धन्यवाद /जीवन की कुछ घटनाएं जो हमारे वश में नहीं होता , उसी को दर्शाता यह कहानी है /
आप के शब्द हमारे लिए प्रेरणा का काम करती है /
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🙏🏻😊
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Nice
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thank you..
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Very nice, emotional & true Love story🙏
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Thank you dear..This story is emotional and
Heart touching showing the practical aspects of life..
Stay connected and stay happy..
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Nice and heartwarming story. Keep it up Verma ji
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thank you sir ..I was waiting for your comments
I am happy that you liked this story..
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ज़िन्दगी नहीं रूकती किसी के बगैर,
बस उस शख्स की जगह खाली रह जाती है …
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