#जीवन

#बचपन की यादें#

मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया, हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया, बरबादियों का शोक मनाना फ़जूल था बरबादियों का जश्न मनाता चला गया | सच,  ज़िन्दगी को खुल कर जीना चाहिए |  दुख – दर्द, उतार-चढ़ाव तो ज़िंदगी… Read More ›

# एक साधु की कहानी #

एक बार की बात है, एक साधु नदी के किनारे पानी पीने गया। पानी पीने के बाद, वह नदी के किनारे एक पत्थर पर सिर रखकर लेट गया और आराम करने लगा। उसी समय, पानी भरने के लिए कुछ महिलाएं… Read More ›

#माँ, तू सपनों में आती है #

मेरी माँ, मुझे एहसास है कि तू सदा मेरे आसपास ही रहती है | दुनिया कहती है कि तू मुझे छोड़ कर चली गई,..पर, मैं सदा अपने पास ही  महसूस करता हूँ, और कठिन फैसलों में तुमसे ही तो विचार… Read More ›

# मैं और मेरा वजूद #

\ यह कविता व्यक्ति के अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प का गान है। उन लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो जीवन में चुनौतियों का सामना करते हैं। आइये, इस कविता के भावनाओं के साथ विचरण करें | मैं और मेरा… Read More ›

#खोया हुआ प्यार #

यह कविता खोए हुए प्यार और क्षमा की भावनाओं को व्यक्त करती है। रचनाकार जो अपने प्रियजन के उदास चेहरे को देखकर भावुक हो जाता है, और गलतियों के लिए माफी मांगता है, हालांकि वह जानता है कि शब्द घावों… Read More ›

# बेरुखी का दर्द #

यह कविता अपनों की बेरुखी और रिश्तों में बदलाव के दर्द को व्यक्त करती है। कविता में, कवि अपनों से मिलने वाले दर्द और अपने अकेलापन का वर्णन करता है। इस सच से दुखी है कि बड़े बुजुर्ग जो कभी… Read More ›

# मैं मजबूर हूँ # 

मैं पटना के अशोक राजपथ ब्रांच में अभी अभी कार्यभार  संभाला था और बैंक डिपाजिट का टारगेट पूरा करने के लिए काफी दबाब था | तब मेरे एक स्टाफ ने सुझाया कि बिजली विभाग में काफी फण्ड रहता है और… Read More ›

# बुड्ढा मिल गया # 

नवीन  आज कल बहुत खुश था | उसका तरकीब काम कर गया, जिसके कारण हमारा बैडमिंटन ( badminton) खेलने का कार्यक्रम लगभग बंद ही  हो गया था |  इसके दो कारण थे …. पहला यह कि अब मुझे खाना बनाने… Read More ›

# हम धमाल  करते थे #  

बचपन  के दिनों को आज भी जब याद करते हैं तो उस मासूम से प्रेम का एहसास होता है जो उस समय हम दोस्तों के बीच हुआ करता था । उन दिनों की याद आज भी मन को उल्लासित करती… Read More ›