#खुशी

# टूटे सपनों की कसक #

यह कविता टूटे हुए सपनों की पीड़ा और उनसे उबरने की एक मार्मिक अभिव्यक्ति है। यह रचना हमें सिखाती है कि चाहे जितना भी टूट जाए, फिर से ख्वाब बुनना और ज़िंदगी को दोबारा सजाना हमेशा संभव है। टूटे सपनों… Read More ›

# सांझ की बेला में…

यह तस्वीर हमें सिखाती है कि जीवन की आपाधापी के बाद, किसी शांत दोपहर में किसी अपने के साथ बैठकर सिर्फ “होना” भी कितना खूबसूरत होता है। यह क्षण शायद शब्दों से परे है — पर कविता ने उसे थोड़ा… Read More ›