#खुशी

हँसी के इंजीनियर – श्री वर्मा जी! 😜

हँसी के इंजीनियर – श्री वर्मा जी!” एक हल्की-फुल्की हास्य कविता है जो हमारे जीवन के उन पलों को दर्शाती है, जब हम गंभीरता को अलमारी में बंद करके, ठहाकों की चाबी घुमा देते हैं।यह कविता एक रिटायर्ड लेकिन ज़िंदादिल… Read More ›

#क्यों लिखता हूँ रोज़ ?

लिखना मेरे लिए सिर्फ एक आदत नहीं, बल्कि आत्मा की अभिव्यक्ति है। यह मेरा तरीका है अपने एहसासों को जीने और उन अनकही भावनाओं को शब्द देने का, जो अक्सर दिल में रह जाती हैं। हाँ, लिखना मुझे खुद से… Read More ›

# ख़ुद से मुलाक़ात #

“ख़ुद से मुलाक़ात” — यह ग़ज़ल आत्मचिंतन, आत्म-स्वीकृति और जीवन की उन सच्चाइयों को दर्शाती है, जो अक्सर हमारी नज़रों से छिपी रह जाती हैं। जब हम दुनिया में रौशनी ढूंढते हैं, तब हमें सबसे पहले अपने भीतर झाँकना चाहिए।… Read More ›

# जीवन का सार #

यह कविता जीवन के सच और भ्रम को उजागर करती है। यह दर्शाती है कि जब तक कोई व्यक्ति उपयोगी होता है, लोग उसकी सराहना करते हैं, लेकिन जब वह संघर्षों से घिर जाता है, तो अपने भी दूर होने… Read More ›

# जाने दो यारो #

यह कविता जीवन में कुछ बातें भूल जाने और आगे बढ़ने की कला को दर्शाती है। यह हमें सिखाती है कि बीते हुए पलों, खोए हुए रिश्तों और अधूरे सपनों को जाने देना ही सुकून और आनंद की राह है।… Read More ›

# यादों की बारिश #

यह कविता जीवन की भावनाओं, यादों और संबंधों को बड़े ही सुंदर और संवेदनशील तरीके से दर्शाती है। यह हमें समय के प्रवाह, बीते हुए लम्हों की मिठास और आने वाले बदलावों को अपनाने की सीख देती है। इस कविता… Read More ›