
आज ज़माना बदल गया है | पहले के जमाने में कोई भी ऐसा शख्स शायद ही हो जो बचपन में अपने पिता या माँ से पिटाई न खायी हो | लेकिन आज तो आलम यह है कि बच्चों को मारना तो दूर बच्चों को डांटने में भी डर लगता है, कही कोई गलत कदम न उठा ले |
ऐसी बहुत सी घटना देखने को मिलती है, जिसमें बच्चे अपने माता पिता से डांट खाने पर घर छोड़ कर कही चले जाते है | कुछ ऐसे भी मामले मामला देखने को मिले है कि डांट खाने के बाद बच्चे ने अपनी जान ही दे दी और अपने माँ बाप को ज़िंदगी भर के लिए तिल तिल मरने के लिए छोड़ दिया देता है |
लेकिन दूसरी तरफ एक ऐसा मामला भी देखने को मिला कि माँ के डांटने पर सगे बेटे ने अपनी ही माँ को गोली मार कर हत्या कर दी | जी हाँ दोस्तों, मैंने आज एक ऐसी ही कहानी को अपने ब्लॉग में शामिल किया है |
लखनऊ में एक इंडियन आर्मी का परिवार रहता था | उसके परिवार में पत्नी और दो बच्चे वहाँ रहते थे | पत्नी साधना जिसकी उम्र करीब 40 साल थी | बड़े बेटे की उम्र 16 साल और छोटी बेटी की उम्र करीब 10 साल थी | दोनों बच्चे लखनऊ में ही एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे थे |

वह आर्मी ऑफिसर खुद आसनसोल के cantonment में रहता था, क्योंकि उसकी पोस्टिंग वही थी | कभी – कभी छुट्टी मिलने पर अपने घर लखनऊ आ जाया करता था |
आज मंगलवार को रात करीब 9 बजे PGI पुलिस स्टेशन में एक शख्स फोन करता है और सूचना देता है कि बृंदावन कालोनी के मकान no 21 में एक औरत की लाश पड़ी है |
पुलिस खबर पाकर तुरंत मौके पर पहुँचती है और उस घर में प्रवेश करती है और पाती है कि खबर सच्ची है | एक महिला की लाश जिसकी उम्र करीब 40 वर्ष रही होगी, घर के बेड रूम में पड़ी है | घर के अंदर से बहुत तेज़ बदबू आ रही थी | लाश को देखने से पता चल रहा था कि यह 3-4 दिन पुरानी लाश है इसलिए इससे इतनी बदबू आ रही थी |
घर के अंदर दो बच्चे मौजूद थे, लड़का 16 साल और एक बच्ची 10 साल की है | इस घर में और कोई नहीं रहता था, इसलिए तहक़ीक़ात के लिए यही दोनों चश्मदीद गवाह थे | पुलिस ने लाश को अपने कब्जे में लिया और उसे पोस्ट मार्टम के लिए हॉस्पिटल रवाना कर दिया |

आगे की कार्यवाही हेतु पुलिस इन्हीं बच्चों से पूछताछ शुरू करती है | लड़के ने पुलिस को बताया कि कल हमारे घर एक बिजली मिस्त्री आया था और उस बिजली वाले अंकल से माँ की लड़ाई हो गई थी | उसी ने मेरी मम्मी को मार दिया |
चूंकि उस घर में construction का काम चल रहा था इसलिए बिजली मिस्त्री वाली बात भी सही थी | लेकिन पुलिस कत्ल के किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी, क्योंकि लाश तो 3-4 दिन पुरानी लग रही थी और उस लड़के ने बताया कि कत्ल कल ही हुई है | पुलिस को लगा कि वह सच नहीं बोल रहा है | पुलिस ने पड़ोसियों से भी इस मामले में पूछताछ की |
पड़ोसियों ने बताया कि साधना जी को 4 दिन से नहीं देखा था | उन्होंने उनके बेटे के भी पूछताछ की थी, तो उसने बताया कि मम्मी दादी से मिलने चाचा के घर गई है, क्योंकि दादी बीमार है | इसलिए हमने इन बच्चों के लिए दो दिनों से खाना भी भिजवा रहे थे |
दूसरी तरफ उसके पिता आसनसोल से फोन कर रहे थे तो बेटे ने टालमटोल वाला जबाव दे रहा था | कभी कहता मम्मी पड़ोस में गई है तो कभी कहता कि मम्मी बाज़ार गई है | इस तरह से वो भी परेशान हो उठे थे |
पुलिस को उस बच्चे पर शक हुआ क्योंकि वो हर कोई से झूठ बोल रहा था | दादी वाली बात भी झूठी थी, क्योंकि वह बीमार नहीं थी और न ही मम्मी चाचा के घर गई | तभी पुलिस की नज़र उस 10 साल की बच्ची पर पड़ी जो बिलकुल सहमी – सहमी सी खामोश नज़र आ रही थी | पुलिस अब उस बच्ची से सच का पता लगाना चाहती थी |

उसने बच्ची को अकेले एक तरफ ले जा कर और बड़े प्यार से उसे हौसला दिया और उसका भरोसा जीता | उससे कहा कि तुम्हें अब डरने की ज़रूरत नहीं है, तुम सच बताओ कि तुम्हारी माँ को किसने मारा है ?
पुलिस की बातें सुन कर बच्ची को थोड़ी हिम्मत हुई और फिर उसने जो पुलिस को बताया वह बेहद हैरान कर देने वाला था | उसने कहा – भैया ने ही मेरी माँ को गोली मारी है | यह बात सुन कर एक बार तो किसी को विश्वास ही नहीं हुआ |
लेकिन पुलिस ने फिर उस लड़के को अकेले में ले जा कर पूछताछ शुरू की | लड़के को महसूस हुआ कि अब उसकी झूठी बातें पकड़ी गई है | अंततः उसने एक – एक कर सारी हकीकत बयान करने लगा |
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इस घटना से सीख लेने की जरूरत है।
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सही कहा आपने ।
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Excellent. Bahut bada message diya hai aaj aapne.
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Yes dear,
Thanks for sharing your views.
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Jhooth kabhi sachh bayan nahi karta,pakad jaati hai.Bacche jo Kiya galti Kiya.Nice story.
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very well said.
This is a crime and must think how to take care of our kids.
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Thank you.
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