#यादें

#बचपन की यादें#

मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया, हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया, बरबादियों का शोक मनाना फ़जूल था बरबादियों का जश्न मनाता चला गया | सच,  ज़िन्दगी को खुल कर जीना चाहिए |  दुख – दर्द, उतार-चढ़ाव तो ज़िंदगी… Read More ›

# कहानी एक कमीज़ की # 

यह बात है उन दिनों की, जब हमारे बैंक में कम्प्यूटराइजेशन (computerization) हो रहा था | मुझे कंप्यूटर के बारे में ज्यादा अनुभव नहीं था | इसलिए मेरे अलावा कुछ और स्टाफ इसे लेकर  काफी परेशान थे | हमारे मन… Read More ›

# डर के आगे जीत है # 

बात उन दिनों की  है,  जब हमारी  ज़िन्दगी की  सबसे हसीन वो लम्हे .–.बैंक नौकरी की Joining Letter हाथ में थी | बैंक था  “बैंक ऑफ़ इंडिया” और जगह थी  “झुमरीतिलैया” | उन दिनों इस जगह की बड़ी चर्चा होती थी, क्योकि… Read More ›

# यादों की गूंज #

“यादों की गूंज” एक संवेदनशील व्यक्तिगत अनुभव की एक छायावादी प्रतिबिंब है | यह कविता उन पलों को समर्पित करती है जब अकेलापन और उदासी छू जाती है, और व्यक्ति अपने प्रियजन की प्रिय यादों में आराम पाता है। हमारे… Read More ›

#भावनाओं के भँवर में # 

हमारी भावनाएं हमारे जीवन का एक अविभाज्य अंग हैं | भावनाओं के बिना जीवन कैसा ?  हमारी भावनाएँ ही हैं, जो विपरीत परिस्थितियों में भी हमें  खुश रख सकती है | हमें स्वयं के साथ – साथ  सभी की भावनाओं… Read More ›

# कौन हो तुम ?

इस कविता में कवि एक विशेष व्यक्ति (प्रियतम )को अपने ख्यालो में ढूंढ रहा है, लेकिन उनका पता नहीं होता कि वे कौन हैं या कहाँ हैं। यह कविता प्यार और आशा की भावनाओं को दर्शाती है जो एक व्यक्ति… Read More ›

# और मूंछ कट गयी #

एक अलग ही पहचान बनाने की आदत है मेरी , तकलीफों में भी मुस्कुराने की आदत है मेरी | दोस्तों, कभी – कभी कुछ घटनाएँ ज़िन्दगी में ऐसी घटती है कि वह हमेशा के लिए दिलो -दिमाग पर छा जाती… Read More ›