#हमारा बुढ़ापा

# खोया हुआ सुख #

यह कविता एक परिवार की कहानी है, जो कभी खुशियों से भरा हुआ था, लेकिन अब सन्नाटे में डूबा हुआ है। बच्चों की किलकारी और बुजुर्गों की बातें गायब हो गई हैं| सब मोबाइल की दुनिया में खो गए हैं।… Read More ›

#अभी तो मैं जवान हूँ# 

यह तो सार्वजनिक सत्य है कि आदमी  जब पैदा होता है, तो वह कभी बचपन, कभी जवानी और उसी तरह बुढ़ापा में प्रवेश करता है | अब यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि  हम इसे कैसे अनुभव करें |… Read More ›