यह ग़ज़ल एक संवेदनशील आत्मा की कहानी कहती है, जो जीवन की भीड़-भाड़ और जगमगाहट के बीच अपनी पहचान तलाशता है। सपनों के अधूरेपन, तन्हाई और भीतर की बेचैनी के बावजूद, वह अपने ज़ख़्मों को शब्दों में ढालकर मुस्कुराना सीखता… Read More ›
#काविता
“सोचो कितना बवाल होगा…”
“क्या हो अगर समंदर शराब बन जाए…? अगर दिल के सारे राज़ बेनक़ाब हो जाएं…?इस ग़ज़ल में भावनाओं की गहराई, इंसानी मुखौटों की सच्चाई और इश्क़ की बेक़रारी को खूबसूरती से पिरोया गया है।‘Imagine the Chaos’ एक ऐसी कल्पना है… Read More ›