kavita

# मैं और मेरी कलम # 

मैं और मेरी कलम हमेशा आपस में बातें करते है | जब भी पुरानी यादें मुझ पर हावी होती है तो यह कलम ही है जो कागज़ के पन्नो पर यादों की स्याही बिखेर देती है | जब भी आस… Read More ›

#सड़क और ज़िंदगी  @

जी हाँ, मैं सड़क हूँ,  मिट्टी, पत्थर और डामर से बना | मैं तो गाँव को शहरों से जोड़ता  हूँ , जंगलों और पहाड़ों से गुजरता  हूँ | मेरी उम्र कितनी है मुझे नहीं मालूम | मुझे कभी एक दम… Read More ›

# तुम ज़िन्दगी हो या आईना #

फैला रहा है आईना गलत फहमीयो का सिलसिला,  हर किसी से कह रहा है – तूमसे अच्छा कोई नही | सभी कहते है कि आईना कभी झूठ नहीं बोलता | यह सच है कि अगर कोई मुझे मेरे  व्यक्तित्व से… Read More ›

#Seeds of suicide#

This poem acknowledges the struggles and darkness that can consume one’s mind when dealing with suicidal thoughts. However, it also offers hope and encourages seeking support and help from others. The poem emphasizes the importance of acknowledging pain, finding inner… Read More ›

# चाय पर चर्चा # 

कभी कभी ज़िन्दगी  ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ी कर देती है जब अपने पास समय भी होता है, पैसे भी होते है , पर साथ बैठ कर चाय पिने वाला कोई नहीं होता है | आज लोगों के पास इतनी… Read More ›

#Life is a Journey#

Friends, Life is a journey, full of ups and downs, twists and turns, and unexpected surprises. It can be a beautiful adventure, but also a difficult path to navigate. In this poem, we explore the journey of life, its challenges… Read More ›

#खुशियों से अनबन #

आज की सुबह कुछ अजीब महसूस कर रहा हूँ / रोज की तरह आज भी सुबह ठीक पाँच बजे हमारी नींद खुली थी , लेकिन मेरे दिल और दिमाग के बीच एक जंग  छिड़ी हुई थीं , दिमाग कह रहा… Read More ›

# हम धमाल  करते थे # 

बचपन  के दिनों को आज भी जब याद करते हैं तो उस मासूम से प्रेम का एहसास होता है जो उस समय हम दोस्तों के बीच हुआ करता था । उन दिनों की याद आज भी मन को उल्लासित करती… Read More ›