kavita

# वो भी क्या दिन थे…

(Pic courtesy: Google.com) यह कविता बचपन की मासूमियत और बेफिक्री को याद करती है, जब न कोई छल था, न कोई चिंता। कागज़ की नावों से खुश होने वाले दिन, माँ की थपकी में सुकून से सोने वाली रातें—सब अब… Read More ›

# चुप रहना सीख लिया#

यह कविता उन भावनाओं को दर्शाती है जो दर्द और अनुभवों के बाद होती हैं। यह आत्म-संयम, चुप रहने की शक्ति, और जीवन के उतार-चढ़ाव में तालमेल बिठाने की सीख देती है। जो शब्द पहले दिल से निकलते थे, अब… Read More ›

# यह कविता नहीं है #

यह रचना भावनाओं की गहराई को दर्शाती है, जहाँ शब्द सिर्फ कविता नहीं, बल्कि मेरे अनुभव, विचार, और जज़्बातों का प्रतिबिंब हैं। इसमें जीवन के संघर्ष, खुशी, दर्द और उम्मीद की परछाइयाँ हैं, जो आत्म-अभिव्यक्ति का सुंदर रूप प्रस्तुत करती… Read More ›