कृष्णा कुमार

कृष्णा कुमार

“वाह विजय ,क्या खुब लिखते हो | पढने में बड़ा मज़ा आता है |

सरल भाषा ,सुंदर विषय वस्तु और नाटकीय घटनाक्रम रचना

को पठनीय बनाते है | जब हम पढना शुरू करते है तो बिना अंत के

उसे छोड़ नहीं पाते है और एक उत्सुकता अंत तक बनी रहती है

आगे की घटना को जानने के लिए / रचनाएँ आम जीवन के काफी

करीब महसूस होती है | उत्सुकता और इंतज़ार यही तो मज़ा है ज़िन्दगी में ,

जो रचनाएँ सहज ही उपलब्ध कराती है ….

आगे भी इसी तरह प्रयास ज़ारी रहे |

शुभकामनाओ सहित “

कृष्णा कुमार



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