मेरे संस्मरण

# जीवन की सच्चाई #

हमलोग कई सारे सपने देखते है | कुछ तो सच हो जाते है और कुछ नहीं भी | फिर भी ज़िन्दगी तो अपने रफ़्तार से ही चलती रहती है | कभी कभी हम अपने जीवन के बारे में सोचते  कुछ… Read More ›

# मैं ज़िद्दी हूँ #

दोपहर का समय और  उन दिनों काफी गर्मी पड़ रही थी,| वैसे भी राजस्थान की गर्मी बहुत कष्ट दायक हुआ करती थी | भैरो सिंह का ट्रेक्टर seize कर उसके गाँव से चल पड़ा था | परन्तु रास्ते में खतरे… Read More ›

# मैं बिहारी हूँ #

वैसे तो कल ही शिवगंज शाखा में अपनी जोइनिंग दे दी थी, परन्तु सच कहे तो आज से शिवगंज शाखा में कार्य करने का अवसर मिला | आज का दिन मेरे लिए कुछ ख़ास है , क्योकि आज इस शाखा… Read More ›

# मैं आवारा हूँ #

मेरी नई नई बैंक की नौकरी थी | मेरी पहली पोस्टिंग “रेवदर” शाखा में और अभी छह माह भी नहीं हुए थे कि मेरा पुनः ट्रान्सफर “शिवगंज” शाखा  में कर दिया गया | कुछ दिनों पूर्व ही जब शाखा निरिक्षण… Read More ›

# हादसे का शिकार #

ज़िन्दगी में कभी कभी ऐसे भी हादसे हो जाते है कि उसे भुलाये नहीं भूलता | उस दिन सचमुच मैं बहुत दुखी अपनी शाखा में बैठा हुआ था और दुखी क्यों नहीं होऊं | एक नहीं अनेक कारण थे |… Read More ›

# जोश में होश खोना नहीं #

 ऐसा नही होनी चाहिए कि आप अपनी अहमियत इसलिए कम कर दें कि आप लोगों की अपेक्षाओं में खड़े उतर सकें है | आप जैसे है वैसे ही ठीक है , दुसरे हमारे बारे में क्या सोचते है, इसकी परवाह… Read More ›

# उम्मीद पर टिकी ज़िन्दगी #

उम्मीद भी बड़ी कमाल की चीज़ है…लोग कहते है ना कि उम्मीद पे ही दुनिया कायम है..वर्ना हम कोरोना काल के ” लॉक डाउन ” को सिर्फ इस उम्मीद से झेल रहे है कि आगे सब  ठीक हो जायेगा |… Read More ›

# किसान की पगड़ी#

    राजस्थान में “रेवदर” सिरोही जिला का एक छोटा सा क़स्बा,और हमारी बैंक की पहली पोस्टिंग थी | मैं शहरो में पला बढ़ा , पहली बार ग्रामीण ब्रांच होने के कारण गाँव में रहने का मौका मिला | मैं ड्यूटी… Read More ›

# मंदिर के भगवान #

आज अचानक मेरे मोबाइल की घंटी बजी | मुझे फ़ोन करने वाले की आवाज अजनबी लगी और number भी अनजाना  / मैंने तुरंत ही कहा — रौंग नम्बर और फ़ोन काट दिया | थोड़ी देर के बाद फिर उसी नंबर… Read More ›

# सच्चा मित्र #

आज पुरानी यादों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा ….धीरे धीरे मानस पटल पर एक तस्वीर उभरती है …वर्ष १९८५ और  मेरी पोस्टिंग शिवगंज के एक छोटे से कसबे में | मेरा स्टाफ  मदन …जिसकी   धुंधली तस्वीर… Read More ›