
यह एक भावुक कविता मेरे मन में व्यक्त की गई है एक भावुकता और काव्यात्मकता की कहानी है । यह कविता एक इंसान के अंतर्मन को दर्शाती है, जो जीवन के उलझनों से जूझते हुए अपनी रौशनी को ढूंढ़ता है।
शब्दों के फूल खिलाने, सुरों में तृप्ति पाने और हर दिन को गुनगुनाने हुये वह अपने आंतरिक संघर्षों का सामना करता है और उन्हें पार करता है।
मैं अपने शब्दों के माध्यम से अपनी आंतरिक दुनिया को खोजता हूँ और उसे बाहर लाकर अपने और दूसरों के जीवन को आनंदित करने का प्रयास करता हूँ ।

“कविता के संगीत में”
जीवन के उलझनों को मैं सुलझाता हूँ,
शब्दों के फूलों को माला में पिरोता हूँ ।
संघर्षों से भरी ये ज़िंदगी हैं यारों
अपनी कविता से रोशनी बिखराता हूँ।
जीवन तो है तालाब और राहों का संगम,
कविता के संगीत में मैं गोते लगाता हूँ।
चिंताओं की बौछार से मुक्ति ढूंढ़ता मैं ,
अपने अंदर की शांति को खोज पाता हूँ।
हर रात जब यादों के पेज़ खुलते हैं,
अपनी कलम से भावनाओं को बहलाता हूँ।
कविता की मधुर सुरीली गान को सुन कर ,
मन को भरपुर आनंदित कर पाता हूँ।
वादियों में खोये हुए है जो ये पल,
कविता के आदित्य में जगमगाता हूँ।
गिरता संभालता ज़िंदगी की यात्रा पथ पर ,
संगीत की धुन में अपने आप को पाता हूँ |
हाँ, जीवन के उलझनों को मैं सुलझाता हूँ |
(विजय वर्मा)
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Categories: kavita
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Thank you so much.❤️❤️
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That’s a very beautiful poem!! 💕✨️
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Thank you so much, Anjali.💕
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Sundar kavita!!
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Thank you so much, dear.❤️❤️
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Jai shree ram
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जय श्री राम |😂😂
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