
यह कविता एक आत्मीयता भरी, भावनापूर्ण कविता है जो हमारे जीवन की गति, संघर्ष और सुंदरता को छूने का प्रयास करती है। मेरा कवि मन अपने भावनाओं को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करता हैं और जीवन की मूलभूतताओं के बारे में गहराई से सोचता हैं।
वे जीवन को एक पूरी तरह से अनुभव किया है, उसकी उच्चायों और निचलायों को महसूस किया है | वे अपने जीवन को एक पेड़ की तरह देखते हैं जो पानी के बिना सूख जाता है।
इस कविता के माध्यम से वे जीवन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सोचते हैं और इसे भावुक करने वाले शब्दों के माध्यम से प्रस्तुत किया हैं।

#शब्दों के फूल #
भावनाओं के आँगन में, शब्दों के फूल खिलाता हूँ मैं
जीवन में आने वाली उलझनों को खुद सुलझाता हूँ मैं,
खुशियों के सुरों में अपनी आत्मा को जगाता हूँ मैं
ज़िन्दगी के हसीन लम्हों के गीत गुनगुनाता हूँ मैं |
समय के साथ संघर्ष करते रहना अपनी आदत है दोस्तों,
हर मुश्किल रास्ते पर संभाल कर अपने पैर बढ़ाता हूँ मैं,
वैसे तो चिंताओं के बोझ से, बेचैन महसूस करता हूँ ,फिर भी
अपने व्यस्त जीवन से कुछ आराम के पल चुराता हूँ मैं |
हर रात मेरी कलम विचरती है मन के आँगन में,
तब,दिल की भावनाओं को शब्दों से बहलाता हूँ मैं,
कविता मेरी है मेरा सच्चा दोस्त और मेरी आत्मा,
इसी के बदौलत सारी दुनिया जीत पाता हूँ मैं |
(विजय वर्मा )
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Categories: kavita
🧡🧡🧡
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❤️❤️
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Beautiful poem and very well written! 👏
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Thank you so much, Anjali.💕
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दिल की भावनाओं को कविता की माला में पिरो कर पाठकों का स्वागत करने में सक्षम !
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बहुत बहुत धन्यवाद डियर |
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Beautiful poem with emotions.
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Thank you so much dear.
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