
लोग ठीक ही कहते है कि ज़िन्दगी एक कोरा कागज़ की तरह होता है और हम उस पर विभिन्न रंगों को बिखेर कर उसे और सुन्दर बनाने का प्रयास करते है |
मेरी भी जीवन यात्रा कुछ अलग तरह से गुजरी है जिसे याद कर न सिर्फ मन को शुकून मिलता है बल्कि चेहरे पर बरबस मुस्कान बिखर जाती है |
बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज में पढता था और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था |
हालाँकि इंटरमीडिएट मे math और एक्स्ट्रा सब्जेक्ट में बायोलॉजी भी ले रखा था और दोनों में पास भी हो गया था | मतलब यह कि इंजीनियरिंग और मेडिकल दोनों के लिए होने वाले entrance टेस्ट में appear हो सकता था |
मुझे आशा थी कि इंजिनियर या फिर मेडिकल दोनों में से कोई एक में तो क्वालीफाई कर ही जाऊंगा | मैं उसी के अनुसार अपनी तैयारी भी कर रहा था |
तभी मुझे पता चला कि एक व्यक्ति पेशे से तो इंजिनियर है पर वे लोगों के हाथ देख कर सटीक भविष्यवाणी करते है |
चूँकि वे काफी पढ़े लिखे व्यक्ति थे और पैसो का भी उनको कोई लालच नहीं था इसलिए फ्री में हाँथ दिखलाने के चक्कर में कॉलेज से लौटते समय उनकी घर की तरफ चल पड़ा | साथ में मेरा एक दोस्त भी था |
जब मैं वहाँ पहुँचा तो वहाँ लोगों की काफी भीड़ थी | मैं भी अपने दोस्त के साथ जाकर वहाँ बैठ गया .|
करीब आधा घंटा के बाद मेरा नम्बर आ गया और मैं उनके चैम्बर में दाखिल हो गया |
उनको देख कर नहीं लगा कि ये ज्योतिषी विद्या भी जानते होंगे |

बिना चन्दन टिका लगाए और बिना गेड़ुआ वस्त्र धारण किए, वे बिलकुल साधारण से व्यक्ति दिख रहे थे |
खैर , संक्षिप्त परिचय के बाद उन्होंने मेरे दोनों हाथ की हथेली में कालिख लगाकर एक सादे पेपर पर उसकी छाप ले ली, ताकि मेरे हाथों की लकीरें साफ़ साफ़ कागज़ पर अंकित हो जाये | फिर कुछ देर मुझे इंतज़ार करने को कहा |
मुझे समझ में नहीं आया कि हाथ की रेखाएं ही देखना था तो सीधे मेरी हाथ को देख सकते थे ,परन्तु हमारे हाथ की छाप लेने की क्या ज़रुरत पड़ गयी |
लेकिन मेरे समझने और न समझने से उन्हें क्या फर्क पड़ने वाला था |
मैं वही पास में रखे बेंच पर बैठ कर इन्ही ख्यालो में डूबा हुआ था और उनके बुलावे का इंतज़ार कर रहा था |
करीब आधे घंटे के पश्चात् उनके एक आदमी मेरे पास आए और कहा …. आपको अन्दर साहब बुला रहे है |
मैं उस महाशय के साथ फिर उनके चैम्बर में दाखिल हुआ | मैं उनके सामने कुर्सी पर बैठ गया | मुझे महसूस हुआ कि एक कागज़ के टुकड़े पर उन्होंने कुछ लिख रखा है |
अपनी बात शुरू करते हुए उन्होंने कहा …. आप पाँच साल की उम्र में भयानक दुर्घटना के शिकार हुए थे और आप की जान मुश्किल से बचाई जा सकी थी |
मैं ने कहा …यह तो सत्य है | इसी तरह बहुत सारी बीती बातों को बताते रहे | लेकिन मुझे ज़िन्दगी में बीत चुके घटना को जानने की कतई इच्छा नहीं थी | मुझे तो आने वाले भविष्य की जानकारी में उत्सुकता थी |
इसलिए मैं अधीर होते हुए कहा…मुझे आप मेरे भविष्य के बारे में बताएं | मैं अपने भविष्य की जानकारी हेतु आप के पास आया हूँ |
उन्होंने मेरी ओर देखते हुए पूछा…आप क्या जानना चाहते है ?

मैंने कहा…मैं एक विद्यार्थी हूँ और मैं कम्पटीशन की तैयारी कर रहा हूँ | आप मुझे यह बताएं कि मैं मेडिकल क्वालीफाई करूँगा या इंजीनियरिंग | मैं इन्ही दोनों की तैयारी कर रहा हूँ |
उन्होंने अपने पास के कागज़ के टुकड़े को देखा और कहा ….आप का ना तो मेडिकल में जा सकेंगे और ना ही इंजीनियरिंग में, लेकिन इनके अलावा कोई तीसरी टेक्निकल लाइन में आप जाएंगे |
मैं उनकी बात को सुन कर चौंक पड़ा | क्योकि इन दोनों के अलावा कोई तीसरा टेक्निकल लाइन था ही नहीं जिसकी मुझे जानकारी थी और उनके लिए कोई तैयारी भी नहीं कर रहा था |
मैं उनसे बहस करने लगा , लेकिन वे बस एक ही बात कहते रहे कि आप टेक्निकल लाइन में तो जायेंगे लेकिन इन दोनों को छोड़ कर |
मुझे उनकी इन बातों पर विश्वास नहीं हुआ , हालाँकि मेरे बारे में और सभी बातें बिलकुल सत्य बताई थी |
मैं दुखी मन से वापस अपने घर आ गया और मेरे दिमाग में उनकी बातें घुमती रहती थी |
आज जब उन बातों को याद करता हूँ तो बरबस ज्योतिष में विश्वास करने को जी चाहता है |
क्योकि उनकी यह भविष्यवाणी बिलकुल सही साबित हुई |…… मेरा ना इंजीनियरिंग में एडमिशन हो सका ना मेडिकल में |

हाँ, मैं एग्रीकल्चर कॉलेज में एडमिशन हेतु क्वालीफाई कर पाया , लेकिन वह तब टेक्निकल नहीं था | मुझे उनकी बात याद आ गई और मैंने सोचा कि मैं तो पहले से ही जानता था कि तीसरा technical college में admission की भविष्यवाणी सच नहीं होगी
लेकिन मैं आप सबों को याद दिलाना चाहता हूँ कि हमलोगों के एडमिशन के एक साल के बाद ही agriculture की पढाई को टेक्निकल घोषित कर दिया गया था और इस तरह से उनकी भविष्यवाणी सत्य साबित हुई थी |
मुझे कभी कभी यह सोच कर बहुत आश्चर्य होता है कि हाथ की लकीरों में इतनी सारी जानकारी होती है | मैं उनकी भविष्यवाणी के अनुसार एक टेक्निकल कॉलेज में पढ़ रहा था |
मुझे लगता है कि जो भी व्यक्ति इस विद्या को सही ढंग से जानता है वह लोगों के भविष्य की जानकारी सही सही दे सकता है |
मैं उस इंजिनियर सह ज्योतिष से दुबारा दो सालों के बाद मिलने पहुँचा | मेरे दिल में उनके प्रति सम्मान बहुत बढ़ गयी थी |
एक मिठाई का डिब्बा लिए मैं उनके घर पर पहुँच गया, लेकिन वह मिठाई का डब्बा मेरे हाथों में ही रह गया … क्योकि मुझे पता चला कि वे अब इस दुनिया में नहीं है |
इतनी कम उम्र में उनका इस दुनिया से चले जाना मुझे अन्दर तक झकझोर दिया / मैं सोचने लगा ….. क्या उन्हें अपने भविष्य के बारे में जानकारी थी कि वे इतने कम उम्र में ही स्वर्ग सिधार जायेंगे ?

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Categories: मेरे संस्मरण
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Thank you so much.💕
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Bahut sundar.
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Thank you so much, dear.
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